Jharkhand Politics: झारखंड कांग्रेस में हलचल तेज, जिलाध्यक्ष बनाने में नहीं चलेगा 'मैं तेरा-तू मेरा'
झारखंड कांग्रेस सभी जिलों में जिलाध्यक्ष बदलने की तैयारी में है। अब विधायकों या मंत्रियों के लिए अपनी पसंद के नेता को जिलाध्यक्ष बनवाना आसान नहीं होगा। हर जिले से छह लोगों के नाम पर्यवेक्षक चुनकर केंद्रीय नेतृत्व को भेजेंगे जिनमें से एक को जिलाध्यक्ष चुना जाएगा। विधायकों की पसंद का जिलाध्यक्ष होने से टिकट की दावेदारी आसान होती है।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड कांग्रेस सभी जिलों में जिलाध्यक्षों को बदलने की तैयारी में है। इसके लिए पार्टी के स्तर से तैयारियां कर ली गई है। नई व्यवस्था में विधायकों और यहां तक कि मंत्रियों के लिए भी अपनी पसंद के नेताओं को यह कुर्सी दिलाना आसान नहीं होगा।
पूर्व में इस तरह के आरोप लगते रहे हैं कि विधायक अथवा मंत्री ने अपनी पसंद के नेता को जिला अध्यक्ष बनवाने में मदद की।
इसके पीछे लंबी तैयारी होती थी, लेकिन अब कांग्रेस ने जो व्यवस्था की है उसमें जिलाध्यक्षाें के चयन में तमाम ऐसे लोगों को किनारे कर दिया गया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के.राजू ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जिलाध्यक्षों को बदलने को लेकर हो रही तैयारियों की जानकारी देते हुए यह भी बताया कि हर जिले से छह लोगों के नाम चुनकर पर्यवेक्षक केंद्रीय नेतृत्व को भेजेंगे।
इत्तेफाक, सेटिंग और टिकट के लिए रजामंदी
इन्हीं में से जिलाध्यक्ष के लिए किसी एक के नाम पर मुहर लगेगी। यह महज इत्तेफाक हो सकता है कि विधायक या मंत्री इस स्तर पर सेटिंग करने में सफल हो जाएं।
विधायकों की पसंद का जिलाध्यक्ष होने से टिकट की दावेदारी में कोई अड़चन नहीं होती है। अन्यथा पार्टी के जिलाध्यक्ष की रजामंदी के बगैर किसी भी उम्मीदवार के लिए टिकट लेना दूभर हो सकता है।
यह भी पढ़ें- Hafizul Hasan Ansari: झारखंड सरकार के मंत्री की तबीयत बिगड़ी, सीएम सोरेन पहुंचे अस्पताल
यह भी पढ़ें- Jharkhand Assembly: झारखंड विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, शुरू होते ही स्थगित हुआ मानसून पूरक सत्र
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।