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    साइबर ठगी का बढ़ता साया: रांची में नए-नए तरीकों से लूट, पुलिस की सुस्ती बरकरार

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 02:00 AM (IST)

    रांची में साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं, पर पुलिस की धीमी कार्रवाई चिंताजनक है। ठग नए तरीकों से लोगों को शिकार बना रहे हैं। कस्टमर केयर और रिव्यू जॉब के नाम पर धोखाधड़ी हो रही है। एक महिला ने सोशल मीडिया पर उत्पीड़न की शिकायत की है। पुलिस ने मामले दर्ज किए हैं, पर कार्रवाई धीमी है। लोगों को अज्ञात लिंक और ऐप्स से बचने की सलाह दी गई है।

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    रांची में साइबर क्राइम की वजह से लोग परेशान। सांकेतिक फोटो

    जागरण संवाददाता, रांची। राजधानी में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन पुलिस और साइबर थानों की जांच प्रक्रिया की धीमी रफ्तार आम लोगों की चिंता का कारण बनती जा रही है। 

    ठग यूपीआई फ्रॉड, फर्जी कस्टमर केयर, ऑनलाइन शॉपिंग, इंस्टाग्राम/टेलीग्राम स्कैम जैसे नए-नए तरीकों से लोगों को शिकार बना रहे हैं। 

    अधिकतर मामलों में केवल प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस निष्क्रिय हो जाती है, जिससे पीड़ितों को न तो राहत मिलती है और न ही न्याय। 

    साइबर थाना की पुलिस के पास छह नए मामले पहुंचे हैं। हर मामले में केस तो कर दिया गया लेकिन एक भी मामले का पुलिस खुलासा नहीं कर पाई है। 

    जब तक साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त और त्वरित कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक आम जनता खुद को असुरक्षित और असहाय महसूस करती रहेगी।

    कस्टमर केयर बनकर ठग ने उड़ाए 60 हजार रुपये

    साइबर थाना में सुनील कुमार ने 60 हजार रुपये की ठगी हो जाने पर केस किया है। थड़पखना में रहने वाले सुनील कुमार बताया कि उनका पार्सल आने वाला था, लेकिन पिन कोड में गलती होने के कारण उन्होंने गूगल पर कस्टमर केयर नंबर खोजा और एक नंबर पर कॉल किया। 

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    फोन पर अभिषेक नामक व्यक्ति से बात हुई जिसने खुद को ईकार्ट का कर्मचारी बताया। फिर उसने पीड़ित को एक व्हाट्सएप नंबर से एक एपीके ऐप भेजा और डाउनलोड करने को कहा। 

    जैसे ही सुनील कुमार ने ऐप डाउनलोड किया और स्क्रीनशॉट शेयर किया तो उनका फोन अचानक ब्लैक स्क्रीन में चला गया और लगभग 3 घंटे तक अनियंत्रित रहा। जब स्क्रीन वापस सामान्य हुआ, तब तक उनके खातों से पैसे गायब हो चुके थे।

    रिव्यू जॉब का लालच देकर युवक से 1.91 लाख की ऑनलाइन ठगी

    साइबर थाना में ऋषभ कुमार ने 1.91 लाख रुपये की साइबर ठगी हो जाने पर केस किया है। ठगों ने व्हाट्सएप और टेलीग्राम के माध्यम से उनसे संपर्क कर रिव्यू जॉब का झांसा दिया और धीरे-धीरे उन्हें विभिन्न शुल्कों के नाम पर राशि हड़प ली।

    ऋषभ ने पुलिस को बताया कि एक नंबर से व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया। उसमें टास्क करने के बदले पैसे कमाने का ऑफर था। बाद में उन्हें एक टेलीग्राम चैनल में जोड़ा गया जहां रिव्यू टास्क के नाम पर काम दिए गए। शुरुआती लेन-देन में छोटे लाभ देकर विश्वास जमाया गया।

    इसके बाद धीरे धीरे एक लाख 91 हजार रुपये ले लिया गया। इसके बाद पीड़ित को पता चला कि वह ठगी का शिकार हो गया है।

    व्यवसायी से की गई धोखाधड़ी, साइबर थाना में शिकायत दर्ज

    रांची में टाटा 1एमजी जैसी प्रतिष्ठित कंपनी के नाम पर फ्रेंचाइजी देने का झांसा देकर 2.34 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित श्रीकांत ठाकुर ने साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई है।

    श्रीकांत ठाकुर ने पुलिस को बताया कि दो लोग अनुपम और अंकित ने संपर्क किया। इन दोनों ने खुद को कंपनी का प्रतिनिधि बताते हुए फ्रेंचाइजी देने की बात कही। 

    विश्वास दिलाने के लिए कंपनी के दस्तावेजों जैसी दिखने वाली सामग्री साझा की गई और फ्रेंचाइजी सेटअप, स्टॉक और अन्य प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 2 लाख 34 हजार रुपये की मांग की गई, जो श्रीकांत ठाकुर ने अलग-अलग चरणों में भुगतान कर दी।

    लेकिन जब निर्धारित समय तक कोई कांट्रेक्ट, स्टाक या कंपनी प्रतिनिधि नहीं आया, तो उन्हें ठगी का आभास हुआ।

    एमआइएसओ एप के नाम पर 93 हजार रुपये की हुई ठगी

    साइबर थाना में शशिकांत पाठक ने 93 हजार रुपये की ठगी हो जाने पर केस किया है। पीड़ित शशिकांत पाठक से एमआइएसओ एप से मोबाइल और ड्रोन ऑर्डर करने के बाद, गूगल पर कस्टमर केयर नंबर सर्च करने के बाद ठगों ने उनसे 93 हजार रुपये ठग लिए। पुलिस का कहना है कि केस कर दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

    युवक से ट्रैक्टर दिलाने के नाम पर 1.14 लाख की ठगी

    नामकुम थाना क्षेत्र में रहने वाले बिट्टू लकड़ा से ट्रैक्टर दिलाने के नाम पर एक लाख 14 हजार रुपये की ठगी हो जाने पर साइबर थाना में केस हुआ है। पीड़ित बिट्टू लकड़ा ने बताया कि एक नंबर से फोन आया था।

    फोन करने वाले ने खुद को कृषि विभाग का अधिकारी बताया और सरकारी योजना के तहत ट्रैक्टर दिलाने का झांसा दिया। 

    विश्वास में लेकर ठग ने पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर करवा ली। बाद में जब पीड़ित को संदेह हुआ और उन्होंने फोन करने वाले व्यक्ति से दोबारा संपर्क करने की कोशिश की, तो नंबर बंद मिला।

    महिला ने मानसिक उत्पीड़न और सामाजिक छवि धूमिल करने का लगाया आरोप

    साइबर थाना में एक महिला ने इंटरनेट मीडिया पर एक फेक इंस्टाग्राम आईडी से मानसिक उत्पीड़न छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए केस किया है। 

    महिला ने पुलिस को बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके नाम से फेक इंस्टाग्राम आईडी बनाई और उसमें उनकी तस्वीरें इस्तेमाल करके अश्लील गाने और अभद्र टिप्पणियां पोस्ट की। 

    इसके साथ ही, उनके परिवार के सदस्यों, जैसे उनके चचेरे भाई और देवर के साथ उनके रिश्ते को गलत तरीके से पेश किया गया। 

    इस मामले में पीड़िता ने आत्महत्या जैसे गंभीर विचार व्यक्त किए हैं, जिससे उसकी मानसिक स्थिति पर भारी असर पड़ा है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में गंभीरता से जांच की जा रही है।

    आम जनता के लिए जरूरी सावधानियां

    • किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें।
    • गूगल पर कस्टमर केयर नंबर सर्च करने से बचें।
    • अज्ञात ऐप्स डाउनलोड न करें।
    • सोशल मीडिया पर अजनबी लिंक या प्रोफाइल से सतर्क रहें।
    • ठगी की स्थिति में तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।