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    ED Raid : रांची में सीए नरेश केजरीवाल के ठिकानों से मिले 65 लाख नकदी व 55 लाख के सोने-चांदी, करोड़ों के संदिग्ध लेनदेन का मामला

    By Kanchan SinghEdited By: Kanchan Singh
    Updated: Wed, 03 Dec 2025 10:20 AM (IST)

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रांची में चार्टर्ड अकाउंटेंट नरेश केजरीवाल के ठिकानों पर छापा मारा। इस छापेमारी में 65 लाख रुपये नकद और 55 लाख रुपये के सोन ...और पढ़ें

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    रांची के प्रसिद्ध चार्टर्ड अकाउंटेंट नरेश कुमार केजरीवाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई शुरू की है।

    राज्य ब्यूरो,रांची। शहर के प्रसिद्ध चार्टर्ड अकाउंटेंट नरेश केजरीवाल उनके पारिवारिक सदस्यों, सहयोगियों से जुड़े रांची, मुंबई व सूरज के 15 ठिकानों पर ईडी ने मंगलवार को छापेमारी की है। इस छापेमारी में ईडी ने उनके पारिवारिक सदस्य गिरधर लाल केजरीवाल के ठिकाने से 30 लाख रुपये नकदी, अजय केजरीवाल के ठिकाने से 10 लाख रुपये नकदी, इंदर केजरीवाल के ठिकाने से 25 लाख रुपये नकदी की बरामदगी की है।

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    यानी कुल 65 लाख रुपये नकदी की बरामदगी की गई है। इसके अलावा इंदर केजरीवाल के ठिकाने से 55 लाख रुपये मूल्य के सोने-चांदी के बिस्कुट-सिक्के भी बरामद किए गए हैं। ईडी को बड़ी संख्या में डिजिटल डेटा, बैंक रिकार्ड, विदेशी लेनदेन से जुड़े दस्तावेज, इलेक्ट्रानिक उपकरण आदि मिले हैं।

    ईडी के अधिकारियों की टीम ने सीए नरेश केजरीवाल के रांची में चर्च कांप्लेक्स स्थित कार्यालय में भी घंटों तलाशी ली। वहां से बड़ी संख्या में दस्तावेज की बरामदगी की सूचना है। ईडी की यह छापेमारी फारेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) अथवा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत की गई है।

    यह कार्रवाई पूर्व में आयकर विभाग की छापेमारी में मिले सबूतों के आधार पर हुई छानबीन के बाद की गई है। चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) नरेश केजरीवाल झारखंड के बड़े नेताओं के बैंक खातों के प्रबंधन को भी देखते रहे हैं। उन पर हवाला व अन्य माध्यमों से करोड़ों रुपयों के लेन-देन की जानकारी ईडी को मिली है।

    ईडी को पता चला है कि सीए नरेश केजरीवाल ने कई देशों में शेल कंपनियों को नियंत्रित करते हुए वहां 900 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। ये कंपनियां संयुक्त अरब अमीरात, नाइजीरिया, अमेरिका में बताई गईं हैं। इन कंपनियों का प्रबंधन भारत से हो रहा था।

    इन कंपनियों से फर्जी टेलीग्राफिक ट्रांसफर के माध्यम से लगभग 1500 करोड़ रुपये वापस भी मंगाए गए हैं। इन विदेशी संपत्तियों का खुलासा वैध फाइलिंग में नहीं किया गया था और ये बड़े पैमाने पर अवैध फंड लेयरिंग के रूप में मिले हैं। इन अनधिकृत सीमा पार लेन-देन के डिजिटल व दस्तावेजी सबूत के लिए भी ईडी ने छापेमारी की है।

    ईडी जांच का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि इन शेल कंपनियों के जरिए धन का प्रवाह किन-किन व्यक्तियों और नेटवर्क तक पहुंचा तथा हवाला चैनल कैसे काम करता था। ईडी इस मामले को मनी लांड्रिंग के बिंदु पर भी देख रही है।

    नौ जून 2022 को आयकर विभाग ने ठिकाने से बरामद किए थे 25 लाख रुपये

    नौ जून 2022 को आयकर विभाग ने सीए नरेश केजरीवाल के ठिकाने से 25 लाख रुपये नकदी की बरामदगी की थी। हवाला से लेन-देन के सबूत भी मिले थे। उसी समय आयकर विभाग ने जांच में विदेशी शेल कंपनियों से जुड़े लेन-देन की जानकारी जुटाई थी। आयकर विभाग के उसी केस में ईडी ने इंफोर्समेंट केस इंफार्मेशन रिपोर्ट (ईसीआइआर) किया था। आयकर विभाग की छापेमारी में मिली जानकारी अब ईडी अपनी जांच में आगे बढ़ा रही है।

    पूर्व में भी एक केस में ईडी ने सीए नरेश केजरीवाल पर दाखिल की थी चार्जशीट

    पूर्व में भी सीए नरेशन केजरीवाल के विरुद्ध ईडी ने चार्जशीट दाखिल की थी। वह मामला दवा घोटाले से संबंधित था, जिसके आरोपित तत्कालीन आइएएस अधिकारी प्रदीप कुमार थे। सीए नरेश केजरीवाल पर दाखिल चार्जशीट में ईडी ने खुलासा किया था कि उन्होंने दवा घोटाले के आरोपित प्रदीप कुमार की अवैध संपत्ति को वैध बनाने के लिए शेल कंपनियों का सहारा लिया था।