निलंबित IAS छवि रंजन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, 28 महीने बाद जेल से आएंगे बाहर
सुप्रीम कोर्ट ने सेना भूमि घोटाला मामले में रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन को जमानत दे दी है। 28 महीने बाद जेल से बाहर आएंगे। उन पर जमीन रिकॉर्ड में धोखाधड़ी का आरोप है। अदालत ने ट्रायल की धीमी गति और गवाहों को प्रभावित करने की संभावना न होने पर जमानत दी, लेकिन झारखंड से बाहर जाने के लिए कोर्ट की अनुमति जरूरी होगी।

छवि रंजन को 28 महीने बाद मिली जमानत। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। सेना भूमि घोटाला मामले में रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ ने छवि रंजन को कुछ शर्तों के साथ जमानत प्रदान कर दी है।
छवि रंजन 28 माह बाद अब जेल से बाहर निकल जाएंगे। सोमवार को उनके जेल से बाहर आने की संभावना है। चेशायर होम रोड जमीन घोटाला और सेना भूमि घोटाला मामले में ईडी ने उन्हें आरोपित बनाया है। जिसमें उनपर जमीन रिकॉर्ड में धोखाधड़ी और जालसाजी में सहायता करने का आरोप है।
छवि रंजन को ईडी ने चार मई 2023 को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में है। हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जमानत दिए जाने की गुहार लगाई थी।
सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार सिन्हा और अभिषेक चौधरी ने अदालत को बताया कि इस मामले में ट्रायल बहुत धीमा चल रहा है। अभी तक मात्र पांच गवाहों की गवाही हो पाई है। उनकी ओर से कोर्ट में देरी नहीं की जा रही है और मामले से जुड़े कई अन्य आरोपितों को जमानत मिल चुकी है।
छवि रंजन करीब 28 माह से जेल में हैं, ऐसे में उन्हें जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए। हालांकि ईडी की ओर से उनकी जमानत का विरोध किया गया। लेकिन अदालत ने कहा कि मुकदमे में अब तक 31 गवाहों में से केवल पांच की ही गवाही हुई है और ट्रायल पूरा होने में अभी समय लगेगा।
कोर्ट ने यह भी माना कि गवाहों को प्रभावित करने या सबूतों से छेड़छाड़ की अब कोई संभावना नहीं दिखती। ऐसे में प्रार्थी को जमानत प्रदान की जा रही है। अदालत ने कहा कि छवि रंजन को झारखंड से बाहर जाने के लिए ट्रायल कोर्ट की अनुमति लेनी होगी और उन्हें हर सुनवाई की तिथि पर कोर्ट में उपस्थित रहना होगा।
बता दें कि चेशायर होम रोड जमीन घोटाला मामले में छवि रंजन को अगस्त 2024 में ही झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। जबकि सेना भूमि घोटाला मामले में हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनक कर दिया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
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