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    Jharkhand के वित्त मंत्री ने सरकारी योजनाओं में आनाकानी करने वाले बैंकों को दे दी बड़ी चेतावनी, जानें क्या कहा ...

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 03:26 PM (IST)

    वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने वित्त सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि बैंकों में सरकारी योजनाओं से संबंधित खाते खाेलने के लिए कड़े मानक तय किए जाएं और मानकों के आधार पर ही वित्त विभाग खाते खुलवाने के लिए अपनी अनुशंसा जारी करें। इससे भविष्य में बैंकों को किसी सरकारी योजना के तहत लोगों को इनकार करने से पहले सौ बार सोचना होगा।

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    वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ देने में आनाकानी करने वाले बैंक नुकसान उठाएंगे।

    आशीष झा, रांची। सरकारी योजनाओं का लाभ आम लोगों को देने में आनाकानी करनेवाले बैंकों को अब सरकारी योजनाओं के तहत अपने यहां खाता खुलवाने में भारी मशक्कत करनी पड़ सकती है।

    राज्य के Finance Minister Radha Krishna Kishore ने वित्त सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि बैंकों में सरकारी योजनाओं से संबंधित खाते खाेलने के लिए कड़े मानक तय किए जाएं और मानकों के आधार पर ही वित्त विभाग खाते खुलवाने के लिए अपनी अनुशंसा जारी करे।

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    इससे भविष्य में बैंकों को किसी सरकारी योजना के तहत लोगों को इनकार करने से पहले सौ बार सोचना होगा।इतना ही नहीं, ग्रामीण-सामाजिक क्षेत्रों में बेहतर काम करनेवाले बैंकों को लाभ देने का रास्ता भी खुलता दिख रहा है।

    सरकार के पास विभिन्न इलाकों से खबरें और सूचनाएं आती हैं कि Jharkhand में योजनाओं का लाभ आम लोगों को नही मिल रहा है। कई बार छात्रों की शिकायत होती है कि उन्हें एजुकेशन लोन देने में बैंक आनाकानी कर रहे हैं तो कई बार किसानों ने शिकायत की है।

    इन तमाम शिकायतों पर कार्रवाई के लिए बैंकों से संपर्क करने पर उनका तर्क होता है कि हेडक्वार्टर से निर्धारित मानकों पर आवेदनकर्ता खरा नहीं उतर रहा है। ऐसे में मदद नहीं की जा सकती है।

    राज्य सरकार ऐसे मामलों में बैंकों के उच्चाधिकारियों और वरीय प्रबंधकों से बातचीत करके देख भी चुका है। एक-दो मामलों में लाभ मिलता है और फिर बैंक पुराने ढर्रे पर काम करने लगते हैं।

    ऐसी स्थिति से निजात पाने के लिए अब वित्त विभाग को ही सख्त मानक तय करने का निर्देश दिया गया है। दरअसल, वित्त विभाग की अनुमति के उपरांत ही सरकारी बैंकों में विभाग खाते खोल सकते हैं।

    इसके लिए राज्य सरकार ने अभी तक कोई मानक निर्धारित नहीं किया था और बैंक अपने स्तर से विभागों में संपर्क कर खाते खुलवा लेते थे। नई व्यवस्था में उन्हीं बैंकों में सरकारी खाते खुलवाए जा सकेंगे जिनका योजनाओं के दृष्टिकोण औसत से बेहतर प्रदर्शन हो।

    झारखंड के ग्रामीण-सामाजिक क्षेत्रों में काम करनेवाले बैंकों में हम खाता खोलेंगे। हमने वित्त सचिव को पत्र लिखा है कि बैंकों की परफार्मेंस का आकलन किया जाए और जो बैंक कृषि, शिक्षा, गृह निर्माण, एमएसएमई आदि के क्षेत्र में आम लोगों काे अधिक लाभ दे रहे हों उन्हें प्राथमिकता दी जाए। वित्त विभाग शीघ्र ही मानक तय कर बैंकों की ग्रेडिंग कर देगा।

    राधाकृष्ण किशोर, वित्त मंत्री, झारखंड सरकार।