RINPAS: मानसिक रोग चिकित्सा का कैसे बदला स्वरूप, यहां मिलेगी पूरी जानकारी
रांची इंस्टीट्यूट आफ न्यूरो-साइकेट्री एंड एलाइड साइंसेज (रिनपास) चार सितंबर को अपना शताब्दी समारोह मनाने जा रहा है। म्यूजियम का उद्धाटन भी होगा। इस म्यूजियम के माध्यम से न केवल इस संस्था की 100 वर्ष की यात्रा को बताया जाएगा बल्कि इस दौरान मानसिक रोग के इलाज का स्वरूप कैसे-कैसे बदला इसमें समय-समय पर क्या-क्या नई तकनीक आई उसे बताने का प्रयास किया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, रांची। कांके स्थित रांची इंस्टीट्यूट आफ न्यूरो-साइकेट्री एंड एलाइड साइंसेज (रिनपास) चार सितंबर को अपना शताब्दी समारोह मनाने जा रहा है।
म्यूजियम का उद्धाटन भी होगा। इस म्यूजियम के माध्यम से न केवल इस संस्था की 100 वर्ष की यात्रा को बताया जाएगा, बल्कि इस दौरान मानसिक रोग के इलाज का स्वरूप कैसे-कैसे बदला, इसमें समय-समय पर क्या-क्या नई तकनीक आई, उसे बताने का प्रयास किया जाएगा।
दो हजार वर्गफीट में इस म्यूजियम का निर्माण रिनपास में उपलब्ध वर्तमान भवन में ही किया जा रहा है।इस म्यूजियम में आगंतुकों को वर्षों पूर्व मानसिक रोगियों के इलाज की विधियों को फोटोग्राफ तथा आर्टिफैक्ट के माध्यम से बताया जाएगा।
इनमें हाइड्रोथेरेपी, इंसुलीन कीमोथेरेपी आदि चिकित्सीय विधियां भी सम्मिलित हैं। हाइड्रोथेरेपी में मरीजों को कैसे छह से सात घंटे तक लिटाया जाता था, मरीजों को कैसे कमरे में बंद कर रखा जाता था तथा आज इलाज में किस तरह व्यापक बदलाव आया है, यह देखने को मिलेगा।
सबसे बड़ी बात यह है कि यहां दर्शाए जानेवाले उपकरणों, विधियाें, तस्वीरों को देखकर आगंतुकों में मानसिक रोगियों के इलाज को लेकर उनके अंदर की भ्रांतियां खत्म होंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे मानसिक रोगी अपनी समस्या को नहीं छिपाकर समय पर इलाज कराएंगे।
म्यूजियम में कियोस्क, टच स्क्रीन, आडियो-वीडियो प्रजेंटेशन, थीम आधारित मूर्तियां, हिस्टोरिकल फोटोग्राफ, डाक्यूमेंट, माडल आदि की व्यवस्था होगी। रिनपास के निदेशक डा. अमोल रंजन बताते हैं कि वर्ष 1919 में भी यहां म्यूजियम की स्थापना की गई थी।
लेकिन किसी कारण से उसका अस्तित्व बनाए नहीं रखा जा सका। उस समय संस्थान के तत्कालीन निदेशक डा. केआर बनर्जी ने इसका निर्माण कराया था।
शताब्दी समारोह में जुटेंगे कई मानसिक रोग विशेषज्ञ
रिनपास में आयोजित होनेवाले शताब्दी समारोह में देश-विदेश के कई मानसिक रोग विशेषज्ञ जुटेंगे। पूरी दुनिया में मानसिक रोग की चिकित्सा के क्या अप्रोच हैं, इसमें क्या नई तकनीक आई है और क्या नवाचार हुए हैं, इसे विशेषज्ञ बताएंगे।
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