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    Jharkhand News: महिला सुपरवाइजर की नियुक्ति प्रक्रिया पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, सरकार और जेएसएससी से मांगा जवाब

    Updated: Thu, 28 Aug 2025 06:41 PM (IST)

    झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में महिला सुपरवाइजर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने महिला सुपरवाइजर नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। अदालत ने मामले में राज्य सरकार और जेएसएससी से जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि किसी वर्ग के लिए शत प्रतिशत आरक्षण कैसे दिया जा सकता है।

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    महिला सुपरवाइज की नियुक्ति प्रक्रिया पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

    राज्य ब्यूरो, रांची । झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में महिला सुपरवाइजर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने महिला सुपरवाइजर नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।

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    अदालत ने मामले में राज्य सरकार और जेएसएससी से जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि किसी वर्ग के लिए शत प्रतिशत आरक्षण कैसे दिया जा सकता है।

    मामले में अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी। इस संबंध में आकांक्षा कुमारी सहित 33 अभ्यर्थियों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

    प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत को बताया कि जेएसएससी ने बाल कल्याण विभाग में महिला सुपरवाइज के 421 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया।

    प्रार्थी भी इस परीक्षा शामिल हुए। लेकिन आयोग की ओर से प्रार्थियों का चयन यह कहते हुए नहीं किया कि इनकी शैक्षणिक योग्यता विज्ञापन की शर्तों के अनुरूप नहीं है।

    प्रार्थियों के पास विज्ञापन में निर्धारित मुख्य विषय की बजाय सहायक विषयों की डिग्री है। जबकि नियुक्ति नियमावली में ऐसा नहीं है।

    सुनवाई के दौरान यह मुद्दा भी उठाया गया कि नियुक्ति में किसी वर्ग को शत- प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। इसमें सिर्फ महिलाओं के आवेदन दिया है।

    जेएसएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने बताया कि प्रार्थी परीक्षा में शामिल हुए और उन्होंने इससे पहले न तो नियुक्ति नियमावली और न ही विज्ञापन की शर्तों को चुनौती दी थी।

    यह महिला कैडर के लिए ही नियुक्ति निकाली गई है। कोर्ट ने मामले में आयोग और सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी।