कैमरून में फंसे श्रमिकों को वापसी के बाद CM सोरेन का तोहफा, इन योजनाओं से जुड़ेंगे
कैमरून से सभी 47 प्रवासी मजदूर सुरक्षित वापस लौट आए हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। श्रमिकों को वेतन भुगतान और कंपनी द्वारा उचित व्यवहार नहीं किए जाने की शिकायत के बाद राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई की थी। संबंधित नियोजकों और बिचौलियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है।

राज्य ब्यूरो, जागरण। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद कैमरून में फंसे सभी 47 श्रमिक वापस लौट आए हैं। गुरुवार को 27 श्रमिकों की झारखंड वापसी हुई। इससे पहले 29 दिसंबर को 11 श्रमिकों की वापसी हुई थी। शेष आठ श्रमिक भी भारत पहुंच चुके हैं, ये सभी शुक्रवार को रांची पहुंचेंगे।
गुरुवार को वापस लौटे श्रमिकों का हुआ स्वागत
गुरुवार को कैमरून से 27 श्रमिक झारखंड पहुंचे, जहांश्रम विभाग के पदाधिकारियों ने उन्हें सम्मानित किया। श्रमिकों को घर पहुंचाने की भी व्यवस्था की गई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वापस लौटे सभी श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं से जोड़ने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि हजारीबाग, बोकारो तथा गिरिडीह के 47 श्रमिक सेंट्रल वेस्ट अफ्रीका के कैमरून में ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड के माध्यम से अगस्त 2024 से कार्यरत थे, जिन्हें वेतन भुगतान और कंपनी द्वारा अच्छा व्यवहार नहीं किए जाने की जानकारी मुख्यमंत्री को प्राप्त हुई थी।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया। राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने त्वरित कार्रवाई करते हुए श्रमिकों और संबंधित कंपनी से संपर्क कर मामले का सत्यापन किया।
प्राप्त शिकायत के आधार पर संबंधित जिलों के श्रम अधीक्षकों ने नियोजकों/नियोक्ताओं और बिचौलियों (मिडिलमैन) के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज किया है। श्रमिकों का कुल 39,77,743 बकाया रुपये का भुगतान भी कराया गया।
असंगठित मजदूरों की मांगों पर विचार-विमर्श
सीसीएल पिपरवार महाप्रबंधक कार्यालय सभागार में प्रबंधन और बचरा साइडिंग में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे असंगठित मजदूरों की पांच सूत्री मांगों को लेकर यूनाइटेड कोल वर्क्स यूनियन और सीसीएल पिपरवार प्रबंधन के बीच वार्ता हुई।
वार्ता में शामिल यूनाइटेड कोल वर्क्स यूनियन सह जेबीसीसीआई सदस्य लखन लाल महतो ने बचरा साइडिंग में कार्यरत असंगठित मजदूरों की पांच सूत्री मांगों को लेकर पिपरवार प्रबंधन से विचार-विमर्श कर असंगठित मजदूरों की मांगों को तत्काल लागू किए जाने की बात कही।
असंगठित मजदूरों की इन प्रमुख मांगों पर हुई चर्चा
- असंगठित मजदूरों के एचपीसी वेजेज लागू किया जाए।
- सीएमपीएफ की राशि का भुगतान।
- असंगठित मजदूरों को पेमेंट स्लिप दी जाए।
- फार्म डी में अटेंडेंस बनाए जाने एवं वेतन वृद्धि की मांगों पर चर्चा की गई।
इन सभी मांगों को प्रबंधन द्वारा बचरा साइडिंग में कार्य कर रहे संवेदक हेम्स कंपनी द्वारा असंगठित मजदूरों की मांगों को तत्काल लागू किए जाने की बात कही।
इस वार्ता में सीसीएल पिपरवार प्रबंधन की ओर से वार्ता में शामिल सीएचपी-सीपीपी परियोजना पदाधिकारी धनंजय कुमार, पिपरवार कार्मिक व प्रशासनिक अधिकारी नागेश कुमार गोपाल, कार्मिक प्रबंधक अरुण कुमार महतो, क्षेत्रीय सुरक्षा अधिकारी हेमचंद महतो आदि ने यूनियन प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया गया।
हेम्स कंपनी द्वारा रांची धुर्वा में आयोजित बैठक मे इन सभी मांगों पर सहमति बनने के पश्चात बचरा साइडिंग में कार्यरत असंगठित मजदूरों को इसका लाभ दिया जा सकेगा।
वहीं असंगठित मजदूरों के नेताओं ने सीसीएल पिपरवार प्रबंधन से हेम्स कंपनी के साथ वार्ता कर एनआइटी एग्रीमेंट के तहत असंगठित मजदूरों का इन सभी मांगों को जल्द इंप्लीमेंट कर मजदूरों की हक और अधिकार दिए जाने का आश्वासन दिया गया।

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