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    Jharkhand Assembly: छात्रवृत्ति भुगतान और धान अधिप्राप्ति में देरी पर विधानसभा में हंगामा, विपक्ष-सत्ता पक्ष आमने-सामने

    By Kanchan SinghEdited By: Kanchan Singh
    Updated: Mon, 08 Dec 2025 02:58 PM (IST)

    झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में छात्रवृत्ति भुगतान और धान खरीद में देरी को लेकर हंगामा हुआ। भाजपा विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, जिससे स ...और पढ़ें

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    विधानसभा परिसर में प्रदर्शन करते भाजपा विधायक।

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आज छात्रवृत्ति भुगतान और धान अधिप्राप्ति में हो रही देरी का मुद्दा दिनभर हावी रहा। जैसे ही कार्यवाही प्रारंभ हुई, भाजपा विधायकों ने दोनों प्रमुख विषयों पर सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया।

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    भाजपा सदस्य आसन के समक्ष पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। उनकी मांग थी कि जब तक छात्रवृत्ति और धान खरीद पर सरकार स्पष्ट जवाब नहीं देती, तब तक सदन की कार्यवाही आगे न बढ़ाई जाए।

    भाजपा के इस विरोध का जवाब सत्ता पक्ष के विधायकों ने जवाब दिया। वे भी आसन के सामने पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। कुछ देर तक दोनों पक्षों के बीच जारी नारेबाजी के कारण सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अध्यक्ष ने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

    दोपहर बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई। शून्यकाल की सूचनाएं ली जा रही थीं, लेकिन भाजपा विधायकों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा था। वे लगातार छात्रवृत्ति राशि भुगतान में देरी और किसानों से धान खरीद की सुस्त गति को लेकर सरकार को घेरते रहे।

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    विरोध के दौरान भाजपा सदस्यों ने सभा सचिव के टेबल पर थपथपाते हुए ताली बजाई और सरकार के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया।

    बाबूलाल मरांडी ने कहा- छात्रवृत्ति और धान खरीद से महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं हो सकता

    इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि शून्यकाल की सूचनाओं से अधिक महत्वपूर्ण छात्रवृत्ति और धान खरीद जैसे अत्यंत जरूरी मुद्दे हैं। यह विषय बच्चों, नौजवानों और किसानों के हितों से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है, इसलिए सदन को सभी कार्य छोड़कर इन पर तत्काल चर्चा करनी चाहिए।

    मरांडी ने कहा कि राज्य के हजारों छात्र छात्रवृत्ति के इंतजार में हैं, वहीं किसान धान बिक्री के लिए परेशान हैं। ऐसे में इन दोनों विषयों से महत्वपूर्ण और कोई मुद्दा नहीं हो सकता।


    वित्त मंत्री ने पेश किया 7721.25 करोड़ रुपये का दूसरा अनुपूरक बजट


    हंगामे के बीच भी सदन का विधायी कार्य जारी रहा। वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 7721.25 करोड़ रुपये का दूसरा अनुपूरक बजट सदन में पेश किया। बजट पेश करते समय भी भाजपा के विरोध के स्वर सुनाई देते रहे, हालांकि कार्यवाही औपचारिक रूप से पूरी की गई।

    दिनभर के हंगामे ने साफ कर दिया कि छात्रवृत्ति और धान खरीद के मुद्दों पर विपक्ष सरकार को सत्र भर घेरने की तैयारी में है, जबकि सत्ता पक्ष भी पलटवार के मूड में दिखाई दे रहा है।