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    झारखंड विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, स्पीकर बोले- जनता की आवाज को प्राथमिकता दें विधायक

    Updated: Fri, 29 Aug 2025 12:20 AM (IST)

    रांची विधानसभा के मानसून सत्र में स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने विधायकों से जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देने की अपील की। उन्होंने कहा कि सदन ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पारित किया। सत्र में 324 प्रश्न स्वीकृत हुए और प्रथम अनुपूरक बजट समेत पांच विधेयक पारित हुए। स्पीकर ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

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    स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने विधायकों से जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देने की अपील की। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड विधानसभा के पूरक मानसून सत्र के समापन पर अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने गुरुवार को विधायकों से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देने की अपील की।

    उन्होंने कहा कि कई बार सदस्य स्थानीय मुद्दों और जन के लिए प्रतिबद्धता को दरकिनार कर पार्टी निर्देशों को तरजीह देते हैं, जो लोकतंत्र और सदन की गरिमा के लिए उचित नहीं। स्पीकर ने जोर देकर कहा कि प्रश्नकाल में जनता की आवाज को प्राथमिकता दी जाए ताकि लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा बनी रहे।

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    उन्होंने प्रथम निर्वाचित भारतीय स्पीकर विट्ठल भाई पटेल का हवाला देते हुए कहा कि सदन की शक्ति उसके नियमों और अनुशासन में है, वरना यह केवल बहस का मंच बनकर रह जाएगा।

    स्पीकर ने सत्र को ऐतिहासिक करार देते हुए बताया कि सदन ने सर्वसम्मति से दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पारित किया। दिशोम गुरु ने झारखंड निर्माण, समाज सुधार और आदिवासियों के अधिकारों के लिए जीवन समर्पित किया।

    इस सत्र को उनके निधन के कारण चार अगस्त को स्थगित करना पड़ा था, जो 22 से 28 अगस्त तक पूरक सत्र के रूप में चला। स्पीकर ने मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद, नेता प्रतिपक्ष, सभी दलों और प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग की सराहना की।

    सत्र में 324 प्रश्न स्वीकृत हुए

    उन्होंने बताया कि सत्र में 324 प्रश्न स्वीकृत हुए, जिनमें 107 अल्पसूचित, 183 तारांकित और 34 अतारांकित शामिल थे। शून्यकाल में 70 सूचनाएं, 21 निवेदन और 34 ध्यानाकर्षण प्राप्त हुए, जिनमें 20 स्वीकृत और चार उत्तरित हुए।

    34 गैर सरकारी संकल्प आए और प्रथम अनुपूरक बजट सहित पांच राजकीय विधेयक पारित हुए। भाषण के अंत में स्पीकर ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। उन्होंने सदस्यों से जनता के प्रति निष्पक्ष दायित्व निभाने और संसदीय परंपराओं का सम्मान करने का आग्रह किया।

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