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    6 साल, 0 नीति! '1932 खतियान' पर ठगा गया झारखंड? BJP ने खोला हेमंत सरकार के खिलाफ मोर्चा, JMM का पलटवार

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 11:17 AM (IST)

    भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने हेमंत सोरेन पर 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति के वादे से आदिवासी मूलवासी को ठगने का आरोप लगाया। झामुम ...और पढ़ें

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    सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए बुधवार को भी विधानसभा परिसर में भाजपा का प्रदर्शन।

    राज्य ब्यूरो, रांची। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति का वादा कर हेमंत सोरेन ने झारखंड के आदिवासी मूलवासी को ठगने का काम किया है। जनता को यह जानने का पूरा अधिकार है कि छह वर्ष की लंबी सत्ता के बाद भी सरकार एक भी स्थानीय नियोजन नीति क्यों नहीं ला सकी।

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    आज तक न कट ऑफ डेट घोषित हुई, न खतियान आधारित नीति बनी, न युवाओं को कोई ठोस रास्ता मिला। यह सरकार केवल आश्वासन देती है और फिर उसपर मौन साध लेती है। प्रतुल ने कहा कि 1932 के खतियान आधारित नीति के मुद्दे पर 2012 में अर्जुन मुंडा सरकार से समर्थन वापस लेकर नाटक किया गया था। तब यह उनके लिए असली जनभावना थी।

    छह वर्षों तक मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बावजूद इनके पास कहने को कुछ नहीं है। खतियान आधारित नियोजन पर सरकार बार–बार जनता को गुमराह कर रही है। छह वर्षों में फाइलें धूल खाती रहीं और सरकार भाषण झाड़ती रही। राज्य के युवा पूछ रहे हैं कि 2012 में जिस नीति पर समर्थन वापस लिया, 2025 तक उसी नीति पर काम क्यों नहीं किया?

    सरकार स्थानीय समुदायों के हितों के लिए प्रतिबद्ध : झामुमो

    भाजपा के आरोपों पर झामुमो ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा सिर्फ़ राजनीतिक लाभ के लिए भ्रामक बातें फैलाने में लगी है, जबकि हेमंत सोरेन सरकार राज्यहित में ठोस और संवेदनशील कदम उठा रही है।

    विनोद पांडेय ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा नेताओं को पहले यह बताना चाहिए कि 18 वर्षों के लंबे शासनकाल में उसने खतियान आधारित स्थानीय नीति पर क्या काम किया? जिन मुद्दों पर आज सवाल उठाए जा रहे हैं, उन्हीं पर भाजपा की सरकारें वर्षों तक चुप क्यों रहीं? वर्तमान सरकार ने स्थानीय युवाओं के रोजगार, पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया और सामाजिक न्याय को ध्यान में रखते हुए योजनाबद्ध तरीके से काम किया है। नीति निर्माण एक संवैधानिक प्रक्रिया है। सरकार ने इसे जिम्मेदारी से आगे बढ़ाया है।

    यह जगजाहिर है कि भाजपा नेता झारखंड के विकास और यहां की अस्मिता से जुड़े हेमंत सरकार के फैसलों को अटकाने का काम करते हैं। 75% ठेका स्थानीय लोगों को देने के मुद्दे पर विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है।