जीएसटी की चोरी केंद्रीय एजेंसी पकड़ लेती है फिर वाणिज्य-कर विभाग को ऐसी सूचनाएं क्यों नहीं मिलती- वित्त मंत्री ने अधिकारियों से पूछे सवाल
झारखंड के वित्त मंत्री ने वाणिज्य-कर विभाग के अधिकारियों से पूछा कि केंद्रीय एजेंसियां जीएसटी चोरी पकड़ लेती हैं, तो राज्य विभाग को सूचनाएं क्यों नहीं मिलतीं। उन्होंने विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए इस सूचना के अभाव पर चिंता व्यक्त की और अधिकारियों से जवाब मांगा। यह घटना विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न उठाती है।

वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने राजस्व संग्रहण में बढ़ोतरी करने की नसीहत दी।
राज्य ब्यूरो, रांची। राजस्व संग्रहण के मोर्चे पर राज्य को आगे बढ़ाने के लिए वित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने अधिकारियों को कई सुझाव दिए हैं। शुक्रवार को उत्पाद भवन में वाणिज्य-कर विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने निर्देश, नसीहत के साथ-साथ सवाल भी दागे।
उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि जीएसटी की चोरी पर जमशेदपुर में केंद्रीय एजेंसी कार्रवाई करती है। क्या वाणिज्य-कर विभाग को ऐसी सूचनाएं नहीं मिलती? क्या हमें ऐसी सूचनाओं की कमी है? अगर सक्रियता दिखाएं तो राज्य की उपलब्धि बढ़ेगी।
समीक्षा बैठक में मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित 26,500 करोड़ रुपये के राजस्व संग्रहण लक्ष्य का मात्र 49.41 प्रतिशत ही अब तक हासिल हो सका है। यह आंकड़ा संतोषजनक तो है, लेकिन अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन को देखते हुए विभागीय अधिकारियों को लक्ष्य पूर्ति के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री ने जोर देकर कहा कि धनराशि के अभाव में न केवल केंद्र सरकार, बल्कि बड़े औद्योगिक घराने भी झारखंड जैसे खनिज समृद्ध राज्य को अनदेखा कर देंगे। ऐसे में पारंपरिक संग्रहण व्यवस्था से इतर वैकल्पिक उपाय तलाशने की आवश्यकता है ताकि राज्य आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बने।
वित्तमंत्री ने बैठक में विस्तार से विभागीय प्रदर्शन की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में वाणिज्य-कर विभाग के सचिव अमिताभ कौशल, आयुक्त अमित कुमार सहित रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग, धनबाद तथा संथाल परगना प्रमंडल के विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
हमारे पास ओडिशा से अधिक खनिज, फिर भी राजस्व काफी कम
वित्तमंत्री ने कहा कि खनन क्षेत्र से राजस्व संग्रहण भी निराशाजनक है। झारखंड में खनिज भंडार ओडिशा से अधिक होने के बावजूद राज्य को कोयला खनन से मात्र नौ से 11 हजार करोड़ रुपये मिलते हैं, जबकि ओडिशा 50 हजार करोड़ जुटा लेता है। उन्होंने उद्योगपतियों से अपील की कि वे राज्य की क्षमता का उपयोग करें, लेकिन इसके लिए मजबूत वित्तीय स्थिति जरूरी है।
पिछले दस वर्षों में केंद्र से टैक्स हिस्सेदारी और योजनाओं की राशि घटती जा रही है। अब राज्य को स्वावलंबी बनना होगा। लक्ष्य से अधिक संग्रहण के लिए सभी योगदान दें। उन्होंने विभागीय समस्याओं का उल्लेख करते हुए कहा कि वाहनों की समस्या का समाधान करेंगे, लेकिन आप वादा करें कि बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
मंइयां सम्मान योजना को बताया सशक्तीकरण का प्रतीक
राधाकृष्ण किशोर ने मंइयां सम्मान योजना का जिक्र करते हुए कहा कि यह महिलाओं को सशक्त बनाने वाली महत्वपूर्ण पहल है, जो कभी बंद नहीं होगी। इस योजना से महिलाएं सशक्त हो रही हैं। इसके लिए भी धन चाहिए और यह विभाग ही कर सकता है। सभी विभागों को आगे आना चाहिए, तभी लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा। दो प्लाटून फोर्स भी मांगा गया है ताकि अधिकारी जहां जाएं, उनके साथ फोर्स हो और वे भयमुक्त होकर काम कर सकें।

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