Jharkhand High Court: एजुकेशन ट्रिब्यूनल एक्ट के प्रविधानों को लेकर पांच जजों की पीठ में सुनवाई
झारखंड उच्च न्यायालय में एजुकेशन ट्रिब्यूनल एक्ट के प्रविधानों पर पांच जजों की पीठ ने सुनवाई की। इस सुनवाई का उद्देश्य एक्ट की कमियों को दूर करना और शिक्षा प्रणाली को प्रभावी बनाना है। अदालत सभी पक्षों को सुनकर फैसला सुनाएगी। एजुकेशन ट्रिब्यूनल एक्ट शिक्षा से जुड़े विवादों के समाधान के लिए बनाया गया है।

झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ अपील किस पीठ में होनी चाहिए, इस पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के पांच जजों की पीठ में एजुकेशन ट्रिब्यूनल एक्ट के प्रविधानों को लेकर दाखिल अपीलों की सुनवाई किस पीठ में हो, इस महत्वपूर्ण कानूनी सवाल पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान, जस्टिस आर मुखोपाध्याय, जस्टिस आनंद सेन, जस्टिस राजेश शंकर और जस्टिस राजेश कुमार की खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत विचार के लिए मामला खंडपीठ में भेज दिया है।
अदालत ने निर्देश दिया कि खंडपीठ कानून के बिंदुओं और मेरिट पर सुनवाई कर आदेश पारित करे। झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ अपील किस पीठ में होनी चाहिए, इस मुद्दे पर हाई कोर्ट की दो अलग-अलग पीठों के निर्णय में विरोधाभास सामने आया था।
इसी कारण मामले को पांच जजों की पीठ के समक्ष रखा गया। सोमवार से शुरू हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कुमार हर्ष ने कहा कि ट्रिब्यूनल एक्ट के तहत ट्रिब्यूनल के आदेशों के खिलाफ अपील एकलपीठ में सुनवाई योग्य है और एकलपीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी जा सकती है।
उन्होंने अपने पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णयों का भी हवाला दिया। इस दौरान अन्य अधिवक्ताओं ने भी अपने-अपने पक्ष रखे। याचिकाकर्ता की ओर से बहस पूरी हो चुकी है। अब अगले चरण में प्रतिपक्ष की दलीलें सुनी जाएंगी। अदालत ने स्पष्ट किया कि डबल बेंच इस विवाद पर विधिक आधारों को ध्यान में रखते हुए अंतिम निर्णय देगी।

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