Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand News: पेसा नियमावली पर हाई कोर्ट ने सरकार को दिया बड़ा निर्देश, जानिए नियमावली में क्या है खास

    By Manoj Singh Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Thu, 13 Nov 2025 07:39 PM (IST)

    झारखंड हाई कोर्ट ने पेसा एक्ट लागू न करने पर सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने पेसा नियमावली में आ रही बाधाओं को दूर करने का निर्देश दिया है। आदिवासी बुद्धिजीवी मंच ने भूमि हस्तांतरण और वनोपज नीलामी पर रोक लगाने की मांग की है। अदालत ने सरकार को विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई चार दिसंबर को होगी।

    Hero Image

    अदालत ने पेसा नियमावली पर राज्य सरकार को विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।


    राज्य ब्यूरो,रांची।  झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ में पेसा एक्ट लागू नहीं किए जाने के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई।

    सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार को पेसा नियमावली लागू करने में आने वाली बाधाओं को दूर करते हुए रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने बालू सहित लघु खनिजों के आवंटन पर रोक बरकरार रखा है।

    प्रार्थी आदिवासी बुद्धिजीवी मंच की ओर से एक हस्तक्षेप याचिका भी दाखिल की गई है, जिसमें अधिसूचित क्षेत्र में भूमि हस्तांतरण, शराब लाइसेंस प्रदान करने और वनोपज की नीलामी पर रोक लगाने की मांग की गई है, क्योंकि पेसा अधिनियम के तहत अधिसूचित क्षेत्र में यह भी अधिकार ग्राम सभा के अधीन आते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अदालत ने इस पर राज्य सरकार को विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई चार दिसंबर को होगी। सुनवाई के दौरान पंचायती राज विभाग के सचिव सशरीर उपस्थित हुए।

    राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि पंचायती राज विभाग ने पेसा नियमावली का प्रारूप कैबिनेट को-आर्डिनेशन कमेटी को भेजा था। लेकिन कमेटी ने उसमें कुछ त्रुटियां बताई थीं। इन त्रुटियों को दूर कर विभाग एक सप्ताह के भीतर संशोधित प्रस्ताव फिर से कमेटी को भेजेगा।

    उसके बाद मामले को कैबिनेट भेजा जाएगा। इससे पहले झारखंड हाई कोर्ट ने 29 जुलाई 2024 को जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को दो माह के भीतर पेसा नियमावली अधिसूचित करने का आदेश दिया था।

    अदालत ने कहा था कि संविधान के 73वें संशोधन और पेसा कानून की भावना के अनुरूप नियमावली तैयार कर लागू की जाए। इसके बाद अब तक नियमावली अधिसूचित नहीं की गई है। बता दें कि पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम, 1996 (पेसा कानून) केंद्र सरकार ने 1996 में लागू किया गया था।

    इसका उद्देश्य अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी समुदायों के अधिकारों और हितों की रक्षा करना है। एकीकृत बिहार से लेकर झारखंड गठन के बाद तक राज्य सरकार ने अब तक इस कानून के तहत नियमावली नहीं बनाई है।

    झारखंड सरकार ने वर्ष 2019 और 2023 में पेसा नियमावली का ड्राफ्ट तैयार किया था, लेकिन उसे लागू नहीं किया गया। इसके बाद आदिवासी बुद्धिजीवी मंच की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गई थी। हाई कोर्ट द्वारा आदेश देने के बावजूद नियमावली लागू नहीं होने पर मंच ने अवमानना याचिका दाखिल की है।