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    Jharkhand Politics: मंत्री संजय यादव की आंखों में बस गया काला रंग, फिर ऐसा क्या कर दिया कि आ गए चर्चा में ....

    By Kanchan SinghEdited By: Kanchan Singh
    Updated: Thu, 23 Oct 2025 03:24 PM (IST)

    झारखंड के श्रम मंत्री संजय यादव ने अपनी सरकारी गाड़ी का रंग सफेद से काला करवाकर चर्चा में आ गए हैं। परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार, गाड़ी के रंग को बदलना नियमों का उल्लंघन है। टोयोटा सर्विस सेंटर ने इस काम के लिए श्रम विभाग को 5.23 लाख रुपये का बिल भेजा है, जिससे यह मामला और भी चर्चा में आ गया है।

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    मंत्री संजय प्रसाद यादव (फाइल फोटो)।

    अमित सिंह, रांची। झारखंड सरकार के श्रम नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के मंत्री संजय यादव का ‘काला रंग प्रेम’ इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है।

    मंत्री ने अपनी सरकारी गाड़ी टोयोटा फार्च्यूनर का रंग सफेद से काला करवा दिया। इस प्रक्रिया में किसी भी सरकारी नियम का पालन नहीं किया गया। अब बुद्धा टोयोटा सर्विस सेंटर ने डेंट-पेंट और सर्विसिंग मिलाकर कुल 5.23 लाख रुपये का बिल श्रम विभाग को भेजा है।

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    संजय यादव राजद कोटे से मंत्री हैं। मंत्री ने गाड़ी को नियमित सर्विसिंग के लिए रांची स्थित बुद्धा टोयोटा सर्विस सेंटर भेजा था। सर्विसिंग के दौरान मंत्री ने मौखिक आदेश देकर गाड़ी का रंग सफेद से काला करवा दिया।

    इसकी सूचना न तो मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग को दी गई और न ही जिला परिवहन पदाधिकारी से एनओसी लिया गया। बुद्धा टोयोटा सर्विस सेंटर ने डेंट-पेंट और सर्विसिंग मिलाकर 5.23 लाख रुपये का बिल श्रम विभाग को भेजा है।

    यह मार्च 2025 में विभाग को सौंपा गया था, लेकिन भुगतान अब तक नहीं हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं हैं, क्योंकि गाड़ी का रंग बदलवाने की कोई आधिकारिक अनुमति नहीं ली गई थी।

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    रंग बदलवाने से पूर्व मंत्री की सरकारी गाड़ी l जागरण

    जुर्माने का भी है प्रविधान

    भारत में गाड़ी का रंग बदलने को लेकर सख्त कानून हैं। अगर आप अपनी गाड़ी का रंग बदलवाते हैं, तो इसके लिए पहले कानूनी रूप से आरटीओ में रजिस्टर कराना होता है।

    मोटर वाहन अधिनियम कहता है कि गाड़ी का रंग बदलने के लिए गाड़ी के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) में अपडेट होना अनिवार्य है। अगर आप बिना आरटीओ को सूचित किए बिना रंग बदलते हैं, तो पकड़े जाने पर भारी जुर्माना लग सकता है।

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    रंग बदलने के बाद गाड़ी।

    भेजे गए बिल का विवरण

    पार्ट एक (डेंट-पेंट) मजदूरी- 2,04,208 रुपये कल-पुर्जे - 1, 44,548 रुपये कुल-3,48,757 रुपये पार्ट दो (सर्विसिंग) लेबर- 1,15,914 रुपये ल्युब्रिकेंट आदि- 58,724 रुपये सर्विसिंग चार्ज 1,74,639 रुपये ग्रांड टोटल-5,23, 396 रुपये।

    क्या है प्रविधान 

    आरसी पर लिखे हुए रंग की होनी चाहिए गाड़ी भारतीय मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 52 के तहत कोई भी व्यक्ति वाहन में ऐसा परिवर्तन नहीं करा सकता है, जिससे वाहन से जुड़ी जानकारियों में किसी प्रकार का बदलाव आ जाए।

    नियम 47 और 50 में साफ बताया गया है कि वाहन का रंग उसकी आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) पर लिखे हुए रंग का ही होना चाहिए। ऐसा नहीं होना नियमों का उल्लंघन है।

    सरकारी गाड़ी टोयोटा फार्च्यूनर से संबंधित जो भी बिल है, उसका भुगतान कर दिया जाएगा। मैं अभी बाहर हूं। मेरे आदेश पर ही गाड़ी का रंग सफेद से काला कराया गया है, इसके लिए जो भी कानूनी प्रक्रिया होगी, उसका पालन किया जाएगा।

    - संजय यादव, मंत्री, श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग।