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    Jharkhand Politics: झामुमो की जड़ें हुईं और गहरी, 65 लाख सदस्यों के साथ रिकार्ड कायम

    By Pradeep Singh Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Wed, 15 Oct 2025 11:08 PM (IST)

    झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने 65 लाख सदस्यों के साथ एक नया रिकॉर्ड बनाया है, जो पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है। यह उपलब्धि झामुमो द्वारा चलाए गए सदस्यता अभियान की सफलता का परिणाम है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पार्टी लगातार मजबूत हो रही है।

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    झामुमो ने निर्धारित 50 लाख के लक्ष्य को पार कर 65 लाख से अधिक सदस्य बना लिए हैं।

    राज्य ब्यूरो, रांची।  राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की जड़ें लगातार गहरी होती जा रही है। यह दल की बढ़ती लोकप्रियता का ही परिणाम है कि फरवरी में शुरू हुए सदस्यता अभियान के पहले चरण में पार्टी ने निर्धारित 50 लाख के लक्ष्य को पार कर 65 लाख से अधिक सदस्य बना लिए हैं।

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    यह रिकार्ड सदस्यता न केवल पार्टी की मजबूत जड़ों को दर्शाता है, बल्कि लगातार दो विधानसभा चुनावों में सत्ता हासिल करने वाली झामुमो की बढ़ती पकड़ को भी उजागर करता है।

    बुधवार को रांची के सोहराई भवन में आयोजित केंद्रीय समिति की बैठक में इस उपलब्धि पर चर्चा हुई, जहां पार्टी ने अभियान को आगे जारी रखने का फैसला लिया।

    सदस्यता अभियान का उद्देश्य पार्टी को और मजबूत बनाना

    सदस्यता अभियान का उद्देश्य राज्य स्तर पर पार्टी को और मजबूत बनाना था। पार्टी ने शुरू में 50 लाख नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन कार्यकर्ताओं की मेहनत और जनता के अपार उत्साह से यह आंकड़ा 65 लाख को पार कर गया।

    यह अभियान द्वार-द्वार जाकर चलाया गया, जिसमें मिस्ड काल जैसी तकनीकी सुविधाओं के बजाय व्यक्तिगत संपर्क पर जोर दिया गया। केंद्रीय समिति की बैठक में इस सफलता को रेखांकित करते हुए कहा गया कि यह सांस्कृतिक और सामाजिक आंदोलन से जुड़ी पार्टी की विचारधारा का परिणाम है।

    पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया कि रांची जिले में ही पांच लाख नए सदस्य बने, जबकि पूरे राज्य में जनता ने झामुमो के संस्थापक दिशोम शिबू सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कार्यों को सराहा। यह सदस्यता न केवल संख्या में वृद्धि है, बल्कि भाजपा जैसे विपक्षी दलों को पीछे धकेलने का संकेत भी है।

    केंद्रीय समिति की बैठक में बिहार व घाटशिला उपचुनाव पर भी विमर्श

    झामुमो के 13वें महाधिवेशन के बाद यह पहली केंद्रीय समिति बैठक थी, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री एवं पार्टी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने की। बैठक में विधायक कल्पना सोरेन, मंत्री, सांसद, विधायक, केंद्रीय पदाधिकारी, जिला एवं महानगर अध्यक्ष शामिल हुए।

    चर्चा का मुख्य केंद्र घाटशिला विधानसभा उपचुनाव और बिहार विधानसभा चुनाव रहा। पार्टी ने तय किया कि घाटशिला में पूरी ताकत झोंक दी जाएगी, जबकि बिहार में गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाएगा।

    हेमंत सोरेन ने कहा कि चुनाव मैदान में डट जाएं। सदस्यता अभियान की सफलता से पार्टी का आधार मजबूत हुआ है। अब इसे बूथ स्तर तक ले जाना होगा।

    बैठक में बूथ लेबल एजेंट और ब्लाक लेबल एजेंट को निर्देश दिए गए कि वे उपचुनाव में क्षेत्र में डटे रहें। हेमंत सोरेन स्वयं घाटशिला की कमान संभालेंगे और जल्द ही बूथ लेबल कमेटी के साथ बैठक करेंगे। बिहार चुनाव के लिए भी रणनीति तैयार की जाएगी।