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    Jharkhand Weather: झारखंड के कई जिलों के लिए IMD का अलर्ट, डरा रहीं स्वर्णरेखा और हरमू नदियां; पढ़ें वेदर रिपोर्ट

    Updated: Sun, 24 Aug 2025 07:29 AM (IST)

    झारखंड में पिछले तीन महीने से लगातार बारिश हो रही है जिससे शहर की सड़कें जलमग्न हो गई हैं और नदियां उफान पर हैं। निचले इलाकों में घरों में पानी घुस गया है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में भारी बारिश की संभावना जताई है और येलो अलर्ट जारी किया है। राज्य में सामान्य से 32% अधिक बारिश हुई है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, रांची। पिछले तीन माह से राजधानी रांची समेत पूरे राज्य में लगातार वर्षापात हो रहा है। जिस कारण जलाशयों में लबालब पानी भरा है तो शहरी क्षेत्रों की सड़कों पर नाले का पानी उफनकर बाहर निकल रहा है।

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    शनिवार को भी राजधानी में यही स्थिति देखने को मिली। दिनभर आसमान में बादल छाए रहने और रूक-रूककर हो रही वर्षा के कारण सड़कों पर जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई और नाले का पानी बाहर निकलकर बहने लगा।

    घरों में घुसा पानी

    शहर के निचले क्षेत्रों में बरसाती पानी घर के अंदर प्रवेश कर गया है। वहीं, स्वर्णरेखा और हरमू नदियां उफना रही हैं। स्थिति यह है कि जिन क्षेत्रों से होकर स्वर्णरेखा नदी बह रही हैं वहां के तटीय क्षेत्रों के लोगों में भय का माहौल बना है।

    शहर में स्वर्णरेखा, हरमू, भुसूर समेत कई छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं। शनिवार को केतारी बगान, राधा-कृष्ण मंदिर नामकुम समेत कई जगहों पर बने पुल के ऊपर से स्वर्णरेखा का पानी घंटों बहता रहा।

    केतारी बगान पुल के ऊपर से पानी बहने के कारण स्थानीय लोगों द्वारा पुल को घंटों बंद कर दिया गया। हरमू नदी के उफान पर होने के कारण तपोवन मंदिर के पास बने पुल के ऊपर से पानी घंटों बहता रहा। जिससे लोग इस सड़क से होकर आवागमन नहीं कर पाए।

    मौसम विज्ञान केंद्र रांची द्वारा जारी पूर्वानुमान में बताया गया कि पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों पर निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। अगले 24 घंटे के दौरान इसके झारखंड से होते हुए पश्चिम व उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है।

    इसके बाद इसका असर धीरे-धीरे कम होता जाएगा। 25 अगस्त को भी ओडिशा और पश्चिम बंगाल तट के पास उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।

    कई जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी

    मौसम विज्ञानी अभिषेक आनंद ने बताया कि इस मौसमी प्रणाली के प्रभाव से झारखंड के कई जिलों में भारी वर्षा होने की पूरी संभावना है। उन्होंने आमजनों व किसानों से भी आग्रह किया है कि वे सावधानी बरतें।

    इस दौरान 30 से 40 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा के बहने और बिजली गिरने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।

    मौसम विज्ञान केंद्र रांची द्वारा जारी पूर्वानुमान की बात करें तो अब तक पूरे राज्य में एक जून से लेकर अब तक वास्तविक वर्षापात 972.7 मिमी रिकॉर्ड किया गया है जो कि सामान्य तौर पर होने वाले 738.3 मिमी वर्षापात के मुकाबले 32 प्रतिशत अधिक है।

    पूरे राज्य में सर्वाधिक 1463.3 मिमी वर्षा पूर्वी सिंहभूम में हुई है जो कि सामान्य तौर पर होने वाली 792.5 मिमी वर्षा से 85 प्रतिशत अधिक है। वहीं, राजधानी रांची में अब तक 1211.6 मिमी वर्षापात रिकॉर्ड किया गया है जो कि सामान्य वर्षापात 755.7 मिमी से 60 प्रतिशत अधिक है।

    मेघगर्जन के साथ वर्षा होने की संभावना

    मौसम विभाग ने कहा है कि राजधानी और आसपास के जिलों में 29 अगस्त तक सामान्य रूप से बादल छाए रहेंगे और मेघगर्जन के साथ वर्षा होने की पूरी संभावना है।

    29 अगस्त तक राज्य के दक्षिणी हिस्से यानी पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा और सरायकेला खरसावां के अलावा निकटवर्ती मध्य भाग यानी रांची, रामगढ़, हजारीबाग, गुमला, बोकारो और खूंटी में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है।

    अभिषेक आनंद ने बताया कि पहली बार है कि बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र लगातार बन रहा है।

    ऐसा रहा पिछले 24 घंटे का मौसम 

    पिछले 24 घंटे के मौसम की बात करें तो पूरे राज्य में मानसून सक्रिय रहा। राज्य में लगभग सभी स्थानों पर मेघगर्जन के साथ हल्की व मध्यम दर्जे की वर्षा हुई।

    सबसे अधिक वर्षा 205 मिमी लातेहार के चंदवा में रिकार्ड की गई है। वहीं सबसे अधिक अधिकतम तापमान 32.6 डिग्री सेल्सियस गोड्डा का जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 20.5 डिग्री सेल्सियस रांची के नामकुम में रिकार्ड किया गया है। वहीं, रांची का अधिकतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस रहा।

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