Jharkhand के नौ अभयारण्य में बसे गावों के युवाओं को मिलेगा कौशल विकास का प्रशिक्षण,पर्यटकों के लिए गाइड का भी करेंगे काम
झारखंड के नौ अभयारण्य क्षेत्रों में युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। वन विभाग उन्हें इलेक्ट्रॉनिक सामान की मरम्मत और वाहन चलाने जैसे कौशल सिखा रहा है। पलामू टाइगर रिजर्व में महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण दिया गया। युवाओं को पर्यटन मित्र के रूप में भी तैयार किया जा रहा है, जो प्लास्टिक मुक्त वन क्षेत्र के लिए जागरूकता फैलाएंगे। इससे युवाओं की आजीविका में सुधार होगा।

झारखंड के नौ अभयारण्य क्षेत्र में बसे गावों के युवाओं को प्रशिक्षित कर उनके लिए स्वरोजगार की व्यवस्था की जा रही है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के नौ अभयारण्य क्षेत्र में बसे गावों के युवाओं को प्रशिक्षित कर उनके लिए स्वरोजगार की व्यवस्था की जा रही है। वन एवं पर्यावरण विभाग इन ग्रामीण युवाओं को इलेक्ट्रानिक सामान की मरम्मत करना, चार पहिया वाहन चलाने समेत कई तरह के रोजगार परक ट्रेनिंग दे रहा है।
इलेक्ट्रानिक सामान की मरम्मत, हस्तशिल्प निर्माण जैसे काम सीखेंगे युवा
पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र में युवाओं और महिलाओं के लिए इस तरह का प्रशिक्षण आयोजित हो चुका है। यहां महिलाओं को कपड़े की कटाई और सिलाई की ट्रेनिंग दी गई है। युवाओं को मशीनी उपकरण की ट्रेनिंग दी गई है। मास्टर ट्रेनर विवेक साहू ने बताया कि युवाओं को प्रशिक्षण देकर पर्यटन मित्र के तौर पर भी तैयार किया जा रहा है।
राज्य में जल्द ही 10वें अभयारण्य के तौर पर सारंडा को तैयार किया जाना है। ऐसे में यहां के युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल जाएगा। पीटीआर में प्रशिक्षण ले चुके युवा अंतु किसान का कहना है कि रोजगार के साथ वो अपने पारिवारिक खेती भी कर रहे हैं। इससे आमदनी बढ़ी है।
प्लास्टिक मुक्त वन क्षेत्र की करेंगे पहल
वन विभाग से प्रशिक्षण ले चुके युवा यहां आने वाले पर्यटकों को प्लास्टिक मुक्त रहने की सलाह देंगे। पर्यटन स्थल के पास स्वच्छता के लिए भी लोगों को संदेश देंगे। पीटीआर में युवाओं के पहले बैच को इस कार्य के लिए तैनात किया गया है। जल्द ही हजारीबाग, कोडरमा और गिरिडीह में भी यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
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