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    अब ओला-उबर की तरह मिलेगी ममता वाहन की सुविधा, गर्भवतियों को नहीं होगी परेशानी

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 09:06 AM (IST)

    झारखंड में गर्भवती महिलाओं के लिए ममता वाहन सेवा को अब ऐप से जोड़ा जा रहा है जिससे ओला-उबर की तरह बुकिंग हो सकेगी। आईसीआईसीआई बैंक को ऐप बनाने का निर्देश दिया गया है। निजी वाहन चालक भी जुड़ सकेंगे जिससे ग्रामीण महिलाओं को सुविधा होगी। इसके साथ ही राज्य में एंबुलेंस की संख्या भी बढ़ाई जाएगी और सदर अस्पतालों को विकसित किया जाएगा।

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    अब ममता वाहन बनेगा ओला-उबर जैसा। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, रांची। झारखंड में गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक सुरक्षित व समय पर पहुंचाने के लिए चल रहे ममता वाहन सेवा अब आधुनिक तकनीक से लैस होने जा रही है। इस वाहन को अब ओला और उबर की तर्ज पर ऐप आधारित बनाया जाएगा।

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    इस संबंध में एनएचएम अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा ने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक को ऐसा ऐप तैयार करने का निर्देश दिया गया है, जिससे गर्भवती महिला के अस्पताल जाने के लिए वाहन बुक करते ही नजदीकी सभी ममता वाहन को संदेश मिल जाएगा और जो वाहन सबसे पास होगा, वह तत्काल पहुंच जाएगा।

    मालूम हो कि अभियान निदेशक दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित स्वास्थ्य संवाद में मौजूद थे और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी बातों को रखा।

    उन्होंने बतायाक कि इस ऐप की खासियत यह होगी कि इसमें निजी वाहन चालक भी जुड़ सकेंगे। रजिस्ट्रेशन के बाद उनकी गाड़ी भी भाड़े पर चलाई जाएगी। इसका सीधा लाभ ग्रामीण और दूरदराज की महिलाओं को मिलेगा, जिन्हें अक्सर एंबुलेंस या ममता वाहन देर से पहुंचने की समस्या झेलनी पड़ती है।

    108 एंबुलेंस की संख्या बढ़ेगी

    शशि प्रकाश झा ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने के लिए 30 नए एंबुलेंस की खरीदारी की जा रही है। इसके अलावा 200 नए एंबुलेंस खरीदने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा गया है।

    वर्तमान में करीब 210 एंबुलेंस पुराने हो चुके हैं, जिनकी एमवीआई से जांच करायी जाएगी। संभावना है कि इन्हें कबाड़ घोषित कर दिया जाएगा। नए एंबुलेंस उपलब्ध होने तक इनका उपयोग जारी रहेगा।

    सभी सदर अस्पतालों का होगा विकास

    राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को संतुलित करने के लिए सदर अस्पतालों को रांची सदर अस्पताल की तर्ज पर विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। इनमें विशेषज्ञ डाक्टरों को नियुक्त किया जाएगा।

    हालांकि ग्रामीण इलाकों के बाहर विशेषज्ञ डाक्टरों की भारी कमी है, जो भी दूर करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि जांच की भी सुविधाएं बढ़ सके।

    झा ने कहा कि फिलहाल सीएचसी और पीएचसी स्तर पर बुनियादी इलाज की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन आने वाले दिनों में सदर अस्पतालों को विशेषज्ञ सेवाओं से सुसज्जित किया जाएगा।

    स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा

    एनएचएम अभियान निदेशक ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए लगातार नई योजनाएं लागू की जा रही हैं। एंबुलेंस की संख्या बढ़ाने से लेकर ममता वाहन सेवा को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने तक हर पहलू पर ध्यान दिया जा रहा है। उनका कहना था कि मरीजों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण सेवा मिले, इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं।