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    Income Tax Officer: रांची की अपर आयकर आयुक्त बनीं निशा उरांव, जानें कैसा रहा अब तक का सफर

    भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी निशा उरांव को रांची में अपर आयकर आयुक्त (छूट) नियुक्त किया गया है। वे एनजीओ स्कूल राजनीतिक दलों के टैक्स छूट दावों का निर्धारण करेंगी। इससे पहले उन्होंने पंचायती राज निदेशक के रूप में पेसा कानून का मसौदा तैयार किया। कृषि निदेशक रहते हुए उन्होंने ब्लॉक चेन तकनीक से बीज वितरण में पारदर्शिता लाई।

    By Dilip Kumar Edited By: Krishna Parihar Updated: Wed, 27 Aug 2025 08:06 AM (IST)
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    पूर्व पंचायती राज निदेशक निशा उरांव बनी रांची की अपर आयकर आयुक्त

    राज्य ब्यूरो, रांची। भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी व पूर्व पंचायती राज निदेशक निशा उरांव रेंज-2 रांची की अपर आयकर आयुक्त (छूट) के पद पर नियुक्त हुई हैं। उनके अधीन राज्य के सभी एनजीओ, स्कूल, कालेज, टैक्स छूट लेने वाले अस्पताल, सभी राजनीतिक दल, बोर्ड, झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन आदि आएंगे।

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    अधिकारी निशा उरांव का मुख्य कार्य टैक्स छूट के दावों का निर्धारण, गाइडलाइंस के अनुसार कार्य की समीक्षा, सर्वे, दुरुपयोग रोकना, मनी लांड्रिंग रोकना आदि होगा। उनके अधीन अलग-अलग जिले के आयकर अधिकारी होंगे।

    इसके अलावा उन्हें संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) मेंस परीक्षा के लिए रांची सेंटर का आब्जर्वर बनाया गया है। झारखंड के 204 छात्र यूपीएससी मेंस की परीक्षा दे रहे हैं, जिनमें दो निःशक्त हैं।

    इससे पूर्व निशा उरांव राज्य में पंचायती राज निदेशक थीं। उन्होंने पेसा कानून के तहत नियमावली का प्रारूप बनाया, पंचायत स्तर पर डिजिटल योजना की शुरुआत की। बंद पड़े पंचायत भवनों को खुलवाया।

    पंचायतों में जनप्रतिनिधि के प्रशिक्षण पर खर्च के लिए केंद्र से मिलने वाली राशि का उपयोग किया, ताकि पूर्व की तरह वह वापस नहीं लौटे। उनके कार्यकाल में राज्य में 176 पंचायत भवन का निर्माण शुरू हुआ। पंचायतों का अपना भवन बना।

    कृषि निदेशक रहते हुए निशा उरांव ने ब्लाक चेन तकनीक से किसानों को अनुदानित बीज वितरित कराया। यह आधार कार्ड से लिंक होता है। इससे पूर्ण पारदर्शिता आई, यह भारत का पहला प्रयोग था।

    इसके लिए झारखंड सरकार के कृषि विभाग को भारत सरकार से पुरस्कार भी मिला। निशा उरांव ने कृषि निदेशक के कार्यकाल में किसान काल सेंटर शुरू किया।

    उन्होंने किसानों को मुख्यमंत्री सुखाड़ योजना के तहत तीन हजार रुपये दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।