आनलाइन लैंगिक हिंसा व्यापक वैश्विक समस्या, मंत्री दीपिका ने कहा- सामूहिक प्रयासों से ही इसका समाधान संभव
महिला एवं बाल विकास मंत्री दीपिका ने कहा कि ऑनलाइन लैंगिक हिंसा एक व्यापक वैश्विक समस्या है। यह महिलाओं और लड़कियों को साइबरबुलिंग, उत्पीड़न और अश्लील सामग्री के प्रसार जैसे रूपों में प्रभावित करती है। सरकार इसे रोकने के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना बना रही है। मंत्री ने माता-पिता, शिक्षकों और नागरिक समाज से जागरूकता बढ़ाने और पीड़ितों को सहायता प्रदान करने का आग्रह किया। सामूहिक प्रयासों से ही इस समस्या का समाधान संभव है।

मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने 24-25 अक्टूबर 2025 को लुसर्न, स्विट्जरलैंड में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड सरकार की ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने 24-25 अक्टूबर 2025 को लुसर्न, स्विट्जरलैंड में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए महिलाओं के आनलाइन माध्यमों पर लैंगिक उत्पीड़न का मुद्दा उठाया।
कार्यक्रम में 47 देशों से महिला नेताओं और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं के राजनीतिक नेतृत्व को मजबूत करना, वैश्विक स्तर पर समानता और शांति को बढ़ावा देना, और डिजिटल तथा सामाजिक चुनौतियों पर अनुभव साझा करना था।
मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि आनलाइन लैंगिक आधारित हिंसा अब एक व्यापक वैश्विक समस्या बन गई है। महिला जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं को लगातार उत्पीड़न और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि आज डिजिटल दुनिया, जो कभी सशक्तिकरण और अभिव्यक्ति का माध्यम थी, अब कई बार उत्पीड़न और भय का जरिया बनती जा रही है।
मंत्री ने अपने वक्तव्य में भारत में डिजिटल हिंसा से जुड़े आंकड़े साझा किए।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में लगभग 85 प्रतिशत भारतीय महिलाओं ने किसी न किसी रूप में आनलाइन उत्पीड़न का सामना किया, जबकि 54 प्रतिशत महिलाएं तकनीक-आधारित हिंसा का शिकार बनीं।
इसके गंभीर प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि 65% महिलाओं ने इसके कारण मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर महसूस किया। जबकि सिर्फ़ 30% महिलाएं ही ऐसे मामलों की शिकायत दर्ज कराती हैं, जो भरोसे की कमी को दर्शाता है।
मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने समाधान के लिए तीन स्तंभों की रणनीति प्रस्तुत की। पहला, शिक्षा आधारित मसलन डिजिटल साक्षरता, आनलाइन सुरक्षा और मीडिया जागरूकता को बढ़ावा देना।
दूसरी बात उन्होंने जवाबदेही का माना। कानूनों को सशक्त बनाना, प्लेटफार्म की जवाबदेही सुनिश्चित करना, पुलिस और साइबर सेल में प्रशिक्षण और लिंग-संवेदनशीलता बढ़ाना। तीसरी बात महिलाओं को नीति निर्माण और नेतृत्व में शामिल करना है।
मंत्री ने वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय गठबंधनों के साथ मिलकर आनलाइन हिंसा रोकने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।

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