Ramgarh News: फर्जी साइन कर चल रहा था सरकारी फंड के गबन का खेल, बैंक में पैसे नहीं होने पर हुआ खुलासा
रामगढ़ जिला कल्याण कार्यालय में मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत लाखों रुपये के गबन का मामला सामने आया है। जिला कल्याण पदाधिकारी ने सप्लायर और बैंक कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। फर्जी हस्ताक्षर से 59 लाख रुपये निकालने का प्रयास किया गया लेकिन खाते में कम राशि होने के कारण यह विफल रहा। शुरुआती जांच में ही लाखों रुपये के गबन का पता चला है।

देवान्शु शेखर मिश्र, रामगढ़। सरकारी कार्यालयों में कैसे कर्मियों की सांठगांठ बिचौलिए कब्जा जमाए हैं और फर्जी सरकारी चिट्ठी सहित अधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर कर सरकारी राशि का गबन कर रहे हैं, इसका जीता जागता उदाहरण रामगढ़ स्थित जिला कल्याण पदाधिकारी का कार्यालय है।
मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत लाखों रुपये की राशि के गबन के मामले में वर्तमान जिला कल्याण पदाधिकारी सिद्धार्थ शंकर चौधरी ने विभाग के सप्लायर लातेहार निवासी मो अमजद हुसैन व आईडीबीइ बैंक के अधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ रामगढ़ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
पूरे मामले का खुलासा तब हुआ, जब जिला कल्याण पदाधिकारी ने मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत आठ लाख रुपये बैंक को लाभुक के खाते में राशि डालने के लिए पत्र जारी किया, लेकिन पत्र कार्यालय से बैंक न जाकर दूसरा पत्र जिला कल्याण पदाधिकारी के फर्जी दस्तखत के साथ 59 लाख रुपये की निकासी के लिए चला गया।
यह शुक्र था कि इस आइडीबीआइ बैंक के सरकारी खाते में राशि कम थी। इस कारण राशि का हस्तांतरण नहीं हो पाया। इसके बाद ही पूरे मामले का खुलासा हुआ कि यह सिलसिला कई वर्षाें से इस विभाग व बैंक के बीच चल रहा था।
जब जांच कराई गई तो प्रारंभिक जांच में ही 24 लाख 81 हजार 600 रुपये के अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक से हस्तांतरण का मामला सामने आया।
इसके बाद जिला कल्याण पदाधिकारी ने तत्काल उपायुक्त को इसकी जानकारी दी और उपायुुक्त के आदेश के बाद सरकारी राशि के गबन के मामले में रामगढ़ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई।
जब शुरूआती जांच कराई गई तो पाया गया कि इस प्राइवेटाइज आइडीबीआई बैंक में खाता तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी रामेश्वर चौधरी ने वर्ष 2022 में खुलवाया था।
सख्ती के बाद सप्लायर ने वापस किए डेढ़ लाख रुपये
सरकारी राशि की अवैध रूप से बैंक से निकासी का मामला स्पष्ट होने के बाद जिला कल्याण पदाधिकारी सिद्धार्थ शंकर चौधरी ने लातेहार निवासी मो. अमजद हुसैन को एफआइआर की धमकी दी, तो तत्काल उसने डेढ़ लाख रुपये जिला कल्याण पदाधिकारी के खाते में वापस कर दिया। उसके बाद से मो. अमजद हुसैन ने अपना मोबाइल बंद कर लिया।
जांच कमेटी से पूरे मामले की जांच कराने को ले दिया पत्र
जिला कल्याण पदाधिकारी सिद्धार्थ शंकर चौधरी ने उपायुक्त को पत्र देकर जिला कल्याण विभाग में लाखों रुपये की सरकारी राशि फर्जी निकासी के मामले में जांच कमेटी गठित कर गहराई से जांच कराने की की अपील की है।
शुरूआती जांच में ही लाखों रुपये के निकासी का मामला सामने आ रहा है। यहां गड़बड़ी करोड़ों में होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
अमजद ही सरकारी चिट्ठी लेकर जाता था बैंक
आपूर्तिकर्ता लातेहार निवासी मो. अमजद हुसैन की कार्यालय में पैठ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके इशारे पर ही सारे कर्मी नाचते थे। यही नहीं विभाग की सरकारी चिट्ठी आदि भी सीधे अमजद ही लेकर जाता था बैंक।
लाखों रुपये की गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद ही जब जिला कल्याण पदाधिकारी ने आगत-निर्गत पंजी संधारित करने वाले कर्मी से पूछा गया तो बताया गया कि परंपरानुरूप ही पत्रांक की प्रति जमा कराने के लिए अमजद को दिया गया।
इसी का फायदा मो. अमजद उठाता रहा। इस बार भी अगर इस खाते में पैसे ज्यादा होते यानी एक डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक होते तो सभी राशि वह अवैध रूप से निकाल लेता।
यह भी पढ़ें- Heavy Rain In Ranchi: मूसलाधार बारिश से निचले इलाकों में भरा पानी, गड्ढे में गिरी गाड़ी; बिजली सप्लाई ठप
यह भी पढ़ें- कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं की वापसी की तैयारी, दुर्गा पूजा के बाद होगा पार्टी का विस्तार
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।