Ranchi News: धर्मांतरण और चंगाई सभा का विरोध, 23 नवंबर को आदिवासी सरना बचाओ महारैली
रांची में 23 नवंबर को धर्मांतरण और चंगाई सभाओं के विरोध में आदिवासी सरना बचाओ महारैली का आयोजन किया जाएगा। इस रैली का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा करना है। धर्मांतरण को आदिवासी संस्कृति के लिए खतरा माना जा रहा है, जिसके खिलाफ यह महारैली आयोजित की जा रही है। रैली रांची में होगी, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।

धर्मांतरण और चंगाई सभा के विरोध में 23 नवंबर को आदिवासी सरना बचाओ महारैली। प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, रांची। धर्मांतरण और चांद गांव में जारी चंगाई सभा के विरोध में विभिन्न आदिवासी संगठनों द्वारा 23 नवंबर को आदिवासी सरना बचाओ महारैली आयोजित की जा रही है। इसी को लेकर आज धुर्वा सरना स्थल धूमकुड़िया परिसर में प्रेस वार्ता आयोजित की गई।
प्रेस वार्ता में मेघा उरांव और राम पहान ने संयुक्त रूप से कहा कि झारखंड के कई हिस्सों में अंधविश्वास को बढ़ावा देते हुए अवैध रूप से चंगाई सभाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें चांद गांव में झारखंड महाअभिषेक चर्च द्वारा संचालित सभा भी शामिल है।
नेताओं ने बताया कि महारैली के माध्यम से धर्मांतरण, चंगाई सभा और ईसाई बने लोगों द्वारा हड़पी गई परंपरागत जमीन जैसे पहनई, डाली, कटारी, कोटवार जमीन को बचाने का आह्वान किया जाएगा। इसके अलावा ईसाई ग्राम प्रधानों को पद से हटाने तथा मिशनरियों द्वारा अतिक्रमित सरना स्थलों की रक्षा के लिए जन-जागरण अभियान चलाया जाएगा।
अंजलि लकड़ा ने कहा कि कुछ लोग गलत जानकारी फैलाकर रैली को विफल करने की साजिश कर रहे हैं, लेकिन यह प्रयास सफल नहीं होंगे। वहीं संदीप उरांव ने आश्वस्त किया कि रैली पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगी।
23 नवंबर को सुबह 11 बजे सभी आदिवासी समुदाय के लोग दसमाइल चौक, नामकुम (रांची) में एकत्र होकर पारंपरिक वेशभूषा और गाजे-बाजे के साथ चांद गांव स्थित सभा स्थल तक मार्च करेंगे। प्रेस वार्ता में सोमा उरांव, अजय भोक्ता, सन्नी टोप्पो उरांव, बुधराम बेदिया, पंचम भोक्ता और विश्वकर्मा पहान मौजूद रहे।

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