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    CM हेमंत सोरेन ने 301 नवनियुक्त सहायक आचार्यों को सौंपा नियुक्ति पत्र, इनमें गोड्डा के 170 टीचर

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 02:20 PM (IST)

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नवनियुक्त सहायक आचार्यों से शिक्षा के विकास में योगदान करने का आग्रह किया। उन्होंने शिक्षकों को सुझाव देने के लिए भी कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को बौद्धिक रूप से भी आगे बढ़ना होगा और शिक्षा में पिछड़ेपन की छवि को बदलना होगा। उन्होंने परियोजना आधारित शिक्षा को सभी उत्कृष्ट विद्यालयों में शुरू करने की घोषणा की जिससे सीखना सरल और रुचिकर होगा।

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    आइए मिलकर तोड़ें प्राइवेट स्कूलों का एकाधिकार : हेमंत

    राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नवनियुक्त सहायक आचार्यों से आह्वान किया कि वे राज्य में शिक्षा के विकास में सहभागी बनें। कहा, राज्य सरकार इस दिशा में कई प्रयास कर रही है। वे भी अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन बेहतर तरीके से करेंगे तो हम प्राइवेट स्कूलाें की मोनोपोली (एकाधिकार) को निश्चित रूप से तोड़ सकेंगे।

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    उन्होंने यह भी कहा कि नवनियुक्त शिक्षकों के पास कोई आइडिया और सुझाव हो तो जरूर दें, राज्य सरकार उनपर अमल करेगी। मुख्यमंत्री मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन सभागार में 301 सहायक आचार्यों को नियुक्ति पत्र सौंपने के बाद उन्हें संबोधित कर रहे थे।

    इस अवसर पर गोड्डा के 170 स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य (गणित एवं विज्ञान) तथा पूरे राज्य के 170 इंटर प्रशिक्षित सहायक आचार्य को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया।

    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड खनिज संपदा में अपनी पहचान तो रखता ही है, हम ऐसा काम करें कि झारखंड बौद्धिक रूप से भी पीछे न रहे। उन्होंने कहा, शिक्षा के हर स्तर पर सरकार काम कर रही है, लेकिन डिजिटल और एआई (AI) के जमाने में हम काफी पीछे हैं। हमें आगे बढ़ने के लिए अपनी रफ्तार बढ़ानी होगी। शिक्षा में पीछे रहने के कारण ही झारखंड की पहचान मजदूर प्रदेश के रूप में होती है। हमें इस कलंक को मिटाना है। यह जिम्मेदारी हम सभी की है। हमें बेहतर शिक्षा की ओर बिना कोई समझौता किए आगे बढ़ना होगा। कोई कमी रह गई तो उसका खामियाजा आनेवाली पीढ़ी भुगतेगी।

    उन्होंने शिक्षकों को शिक्षा की रीढ़ की हड्डी बताते हुए कहा कि उन्हें वेतन जनता के पैसों से ही मिलेगा। आगे प्रोन्नति भी मिलेगी और उनकी कई मांगें भी होंगी। ऐसे में यदि शिक्षक कुछ पाना चाहते हैं तो उन्हें कुछ देना भी होगा।

    इस मौके पर उपस्थित श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण तथा उद्योग मंत्री ने शिक्षकों से कहा कि पैसा तो विरासत भी मिल जाएंगे, लेकिन पहचान बनाने के लिए उन्हें बेहतर काम करना होगा। शिक्षक अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन बेहतर तरीके से करें।

    इस मौके पर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह, राज्य परियोजना निदेशक शशि रंजन आदि भी उपस्थित थे।

    अब सभी जिलों में परियोजना आधारित शिक्षा

    इस मौके पर मुख्यमंत्री ने परियोजना आधारित शिक्षा के माड्यूल का विमोचन भी किया। परियोजना आधारित शिक्षा पूर्व में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ विद्यालयों में शुरू हुई थी। अब इसे राज्य के सभी उत्कृष्ट विद्यालयों, आदर्श विद्यालयों, पीएम श्री स्कूल तथा कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में शुरू किया जााएगा। परियोजना केंद्रित शिक्षण गतिविधियों से सीखना सरल हो जाता है। सीखना काफी रुचिकर भी हो जाता है। इसे कक्षा छह से 12 के विद्यार्थियों के लिए लागू किया गया है।