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    B.Ed Fake Certificate: बीएड के फर्जी प्रमाणपत्र पर शिक्षक ने की नौकरी, शिक्षा विभाग ने जारी किया नोटिस

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 12:04 PM (IST)

    रांची के पोटका स्थित एक विद्यालय में शिक्षक बसंत कुमार गोप का बीएड प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने उन्हें नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न उनकी सेवा मान्यता रद्द कर दी जाए। उन्हें 15 दिनों का समय दिया गया है। प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला कोर्ट के आदेश पर हुई नियुक्ति से जुड़ा है।

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    बीएड के फर्जी प्रमाणपत्र पर शिक्षक ने की नौकरी, जारी हुआ नोटिस

    राज्य ब्यूरो, रांची। बीएड के फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर एक शिक्षक को नौकरी करना महंगा पड़ा है। मामला पूर्वी सिंहभूम के पोटका स्थित प्राेजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय का है। इस विद्यालय के शिक्षक बसंत कुमार गोप का बीएड का प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने के बाद जहां उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

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    वहीं, माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजेश प्रसाद ने पूर्वी सिंहभूम के डीईओ की रिपोर्ट पर उसे नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों नहीं सेवा मान्यता संबंधित उसके आदेश को निरस्त कर दिया जाए।

    इसके लिए उसे 15 दिनों का समय दिया गया है। शिक्षक द्वारा स्पष्टीकरण नहीं देने पर उसकी सेवा मान्यता रद की जाएगी तथा उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

    दरअसल, 12 मार्च 2024 को कोर्ट के आदेश पर उसकी सेवा मान्यता सशर्त प्रदान की गई थी। इसके तहत उसके प्रमाणपत्रों की जांच का सत्यापन रांची विश्वविद्यालय से कराया गया, जिसमें रांची विश्वविद्यालय ने इा वर्ष तीन जून को रिपोर्ट दी कि उसका बीएड का प्रमाणपत्र रांची विश्वविद्यालय से जारी नहीं किया गया है।

    माध्यमिक शिक्षा निदेशालय का मानना है कि उक्त शिक्षक ने फर्जी प्रमाणपत्र लेते हुए शिक्षा विभाग को गुमराह किया। यह आपराधिक कृत्य है।

    नवनियुक्त शिक्षकों व प्रयोगशाला सहायकों को 30 तक देना होगा योगदान

    राज्य सरकार द्वारा हाल ही में नियुक्त किए गए स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों तथा प्रयोगशाला सहायकों में कुछ अभ्यर्थी पदस्थापन के बाद भी योगदान स्कूलों में नहीं दे रहे हैं। उनके द्वारा बार-बार अवधि विस्तार करने का आवेदन माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेजा जा रहा है, जबकि पूर्व में इनके योगदान करने की अंतिम तिथि निर्धारित कर दी गई थी।

    अब माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इन्हें हर हाल में 30 सितंबर तक आवंटित स्कूलों में योगदान देने को कहा है। इन्हें अब आगे अवधि विस्तार नहीं दिया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजेश प्रसाद ने कहा है कि उनके द्वारा 30 सितंबर तक योगदान नहीं दिए जाने पर उनकी उम्मीदवारी रद किए जाने का निर्णय लिया जाएगा।