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    ISIS के आतंकियों का 'प्रोफेसर' भी था दानिश, टारगेट-टास्क और कनेक्शन की Inside Story

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 11:07 AM (IST)

    रांची से गिरफ्तार अशहर दानिश गजवा लीडर सीइओ ही नहीं प्रोफेसर नाम से भी जाना जाता था। वह इंटरनेट मीडिया पर आतंकियों से लगातार संपर्क में था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल उनसे जुड़े इंटरनेट मीडिया अकाउंट लैपटाप व उनके मोबाइल को भी खंगाल रही है। एटीएस उन्हें फंडिंग करने वालों की भी जानकारी जुटा रही है। गिरोह के साथियों को आतंकी गतिविधियों के लिए अलग-अलग टास्क मिला था।

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    रांची के लॉज से जब्त आतंक की फैक्ट्री का सामान।

    राज्य ब्यूरो, रांची। पाकिस्तान समर्थित पैन इंडिया टेरर मॉड्यूल के सरगना अशहर दानिश को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। रांची से गिरफ्तार दानिश न केवल इस मॉड्यूल का लीडर और सीईओ था, बल्कि वह इंटरनेट मीडिया की दुनिया में 'प्रोफेसर' के नाम से भी जाना जाता था।

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    वह विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए देश भर के युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़कर एक आतंकी नेटवर्क तैयार कर रहा था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल उसकी गतिविधियों की गहन जांच कर रही है और उसके लैपटॉप, मोबाइल फोन और विभिन्न इंटरनेट मीडिया अकाउंट्स को खंगालकर पूरे नेटवर्क की परतें खोलने की कोशिश में है। झारखंड एटीएस भी इस मॉड्यूल को फंडिंग करने वालों की तलाश में जुट गई है।

    आफताब को था टारगेटेड किलिंग का टास्क 

    जांच में पता चला है कि दानिश के गिरोह के सदस्यों को उनकी क्षमता के अनुसार अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई थीं। मुंबई निवासी अफताब, जिसे दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था, को देश में अशांति फैलाने और लक्षित हत्याएं (टारगेटेड किलिंग्स) करने का खतरनाक टास्क दिया गया था।

    इसी तरह, मध्य प्रदेश के राजगढ़ से गिरफ्तार कामरान कुरैशी की पूरी पृष्ठभूमि भी खंगाली जा रही है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, यह आतंकी संगठन दो मुख्य समूहों में काम कर रहा था - खिलाफत समूह और लश्कर। इन दोनों का ही मकसद 'गजवा-ए-हिंद' जैसे खतरनाक जिहादी आंदोलनों को बढ़ावा देना था, जिसके लिए वे भारत विरोधी तत्वों को संगठित कर रहे थे।

    राजधानी रांची के लोअर बाजार थाना क्षेत्र स्थित न्‍यू तबारक लॉज से बुधवार की अल सुबह दानिश की गिरफ्तारी के बाद से एटीएस और सक्रिय हो गई है। इस मामले में वह लगभग आधा दर्जन संदिग्धों का सत्यापन कर रही है। ऐसे में आतंकी संगठन आइएसआइएस से सांठगांठ में दानिश के कुछ और सहयोगियों के भी नाम जुड़ सकते हैं।

    खुफिया एजेंसियों की पैनी नजर

    दानिश की गिरफ्तारी के बाद झारखंड समेत पूरे देश की खुफिया एजेंसियां बेहद सक्रिय हो गई हैं। भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित देश के 45 आतंकी और उग्रवादी संगठनों पर विशेष शाखा मुख्यालय ने अपनी निगरानी और तेज कर दी है।

    यह सूची पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जारी की गई थी, जिसमें झारखंड के भी दो सक्रिय नक्सली संगठन- माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) शामिल हैं। विशेष शाखा ने अपने सहयोगी संगठनों को ऐसे तत्वों से जुड़े हर व्यक्ति की सूचना तुरंत देने का निर्देश जारी किया है।

    इसके अलावा, इंटरनेट मीडिया पर देश विरोधी और भड़काऊ बातें लिखने वालों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से ऐसे तत्वों पर नकेल कस रही हैं।

    इसी कड़ी में, हाल ही में बोकारो के बालीडीह में भी एक युवक को देश विरोधी बातें लिखने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। सुरक्षा एजेंसियां इन संगठनों से जुड़े हर व्यक्ति और उनकी गतिविधियों पर पैनी नजर रखे हुए हैं, ताकि किसी भी राष्ट्र विरोधी गतिविधि को समय रहते विफल किया जा सके।