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    DGP तदाशा मिश्रा के समक्ष आंतरिक अनुशासन कायम करने की होगी चुनौती, राज्य की प्रथम महिला डीजीपी ने बताईं प्राथमिकताएं

    By Dilip Kumar Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Sat, 08 Nov 2025 01:18 PM (IST)

    1994 बैच की आईपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा ने झारखंड पुलिस की प्रभारी डीजीपी के रूप में पदभार संभाला। उन्होंने पुलिस के भीतर अनुशासन कायम करने और आंतरिक गुटबाजी को तोड़ने की बात कही। तदाशा मिश्रा झारखंड की पहली महिला डीजीपी हैं। उन्होंने महिला, बच्चों और कमजोर वर्गों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की बात कही। अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करना उनकी प्राथमिकता है।

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    पुलिस अधिकारियों के साथ प्रभारी पुलिस महानिदेशक तदाशा मिश्रा।



    राज्य ब्यूरो,रांची। झारखंड कैडर की 1994 बैच की आइपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा ने झारखंड पुलिस की प्रभारी डीजीपी के रूप में पदभार ग्रहण करते हुए अपनी प्राथमिकता गिनाईं।

    झारखंड की नवनियुक्त डीजीपी तदाशा मिश्रा के सामने झारखंड पुलिस के भीतर चल रही आंतरिक गुटबाजी तोड़ने और अनुशासन कायम करने की चुनौती होगी।

    पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के कार्यकाल में झारखंड पुलिस कई गुटों में बिखरा हुआ था। उनके स्तर से लिए गए कई ऐसे निर्णय थे, जिसपर उनके जूनियर आपत्ति जता चुके थे और इससे सरकार को भी अवगत कराया था।

    जिलों में एसपी स्तर से होने वाली कार्रवाई भी डीजीपी के स्तर से होने लगी थी। इसे लेकर विभाग के भीतर डीजीपी की पीठ पीछे आलोचना होती थी।

    नव नियुक्त डीजीपी ने इन बिंदुओं पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन इतना जरूर कहा कि कोई भी डीजीपी अकेले कुछ नहीं कर पाएगा, जब तक की उसकी टीम मजबूत न हो।

    उन्होंने कहा कि उन्हें अफसरों की मजबूत टीम मिली है, जिसके भरोसे वे बेहतर करने की कोशिश करेंगी और सबको साथ लेकर चलेंगी।

    महिला, बच्चों व कमजोर वर्गों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान होगा

    झारखंड पुलिस के इतिहास में यह पहली बार है, जब एक महिला आइपीएस अधिकारी को डीजीपी के पद पर पदस्थापित किया गया है। अनुराग गुप्ता की एैच्छिक सेवानिवृत्ति के आवेदन को स्वीकृत करते हुए राज्य सरकार ने तदाशा मिश्रा को झारखंड पुलिस का प्रभारी डीजीपी बनाया है।

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    उन्होंने कहा कि महिला, बच्चों व कमजोर वर्गों की सुरक्षा पर पुलिस विशेष ध्यान देगी। अपराध नियंत्रण प्राथमिकता होगी। डीजीपी तदाशा मिश्रा ने कहा कि जनता की सेवा और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहने के साथ-साथ पुलिस को संवेदनशील रहने की आवश्यकता है।

    पुलिस का उद्देश्य कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करना, अपराधों पर नियंत्रण तथा समाज में शांति व विश्वास बनाए रखना है। साइबर, संगठित अपराध, माओवाद परक नियंत्रण, बेसिक व कोर पुलिसिंग पर झारखंड पुलिस निरंतर आगे बढ़ेगी।

    DGP Tadasha Mishra

    गौरतलब है कि आइपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा पूर्व में संयुक्त बिहार के समय एसपी मधेपुरा थीं। इसके बाद रांची की एसपी सिटी व एसपी ग्रामीण भी रहीं। अलग राज्य गठन के बाद झारखंड कैडर में आईं।

    यहां आने के बाद सीआइडी में रहीं। बोकारो में एसपी रहीं। कमांडेंट जैप वन व जैप टू भी रहीं। डीआइजी कार्मिक, आइजी मानवाधिकार, आइजी बोकारो, आइजी विशेष शाखा, एडीजी जैप, एडीजी रेल के बाद दो बार गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की विशेष सचिव के पद पर पदस्थापित रह चुकी हैं।

    पदभार ग्रहण के मौके पर आइजी रांची मनोज कौशिक, आइजी विशेष शाखा प्रभात कुमार, आइजी सीआइडी असीम विक्रांत मिंज, आइजी अभियान डा. माइकल राज एस. आइजी मानवाधिकार क्रांति कुमार गड़िदेशी, आइजी मुख्यालय सुदर्शन प्रसाद मंडल, आइजी प्रोविजन पटेल मयूर कन्हैयालाल, डीआइजी झारखंड जगुआर इंद्रजीत महथा, डीआइजी कार्मिक सुरेंद्र कुमार झा सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

    पदभार ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री से की मुलाकात

    डीजीपी का पदभार ग्रहण करने के बाद प्रभारी डीजीपी तदाशा मिश्रा ने शुक्रवार की दोपहर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। मुख्यमंत्री के आवासीय कार्यालय में उनकी यह शिष्टाचार भेंट थी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने उन्हें पूरी संवेदनशीलता के साथ पुलिसिंग का सुझाव दिया और शुभकामनाएं दीं।