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    TET अनिवार्यता के विरोध में पांच राज्यों ने दाखिल किया रिव्यू पिटीशन, दो वर्षों में टेट उत्तीर्ण नहीं करने वाले प्रथमिक शिक्षक होंगे सेवामुक्त

    By Neeraj Ambastha Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Mon, 03 Nov 2025 04:23 PM (IST)

    पांच राज्यों ने TET की अनिवार्यता के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि दो साल में TET पास न करने वाले प्राथमिक शिक्षक सेवामुक्त होंगे। राज्यों का तर्क है कि यह नियम उन शिक्षकों के लिए अन्यायपूर्ण है जो पहले से ही सेवा में हैं, और इससे शिक्षा प्रणाली बाधित होगी। राज्यों ने अदालत से मामले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

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    अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक के बैनर तले राज्य के शिक्षक कर रहे टेट अनिवार्यता का विरोध।

    राज्य ब्यूरो, रांची । निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 लागू होने के पूर्व नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों के लिए भी शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) उत्तीर्ण होने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध पांच राज्यों की सरकारों ने रिव्यू पिटीशन दाखिल किया है।

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    यूपी, उत्तराखंड, तेलंगाना, केरल तथा मेघालय ने दाखिल किया रिव्यू पिटीशन

    इनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना, केरल तथा मेघालय शामिल हैं। झारखंड सरकार ने इस आदेश के विरुद्ध रिव्यू पिटीशन दाखिल नहीं किया है। इस संबंध में राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को लागू करेगी।

    हालांकि इसे लागू करने से पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय तथा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के दिशा-निर्देश का इंतजार किया जाएगा। अभी तक इसे लेकर राज्य सरकार को कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है।

    इधर, सर्वोच्च न्यायालय के उक्त आदेश से प्रभावित शिक्षकों के कई संघों ने भी शीर्ष कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल किया है। वहीं, शिक्षकों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का टेट अनिवार्य किए जाने के आदेश से होनेवाली समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट कराने के लिए दिल्ली में धरना कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है।

    21 तथा 24 नवंबर को  दिल्ली में होगा प्राथमिक शिक्षकों का जुटान

    सबसे पहले टीचर्स फेडरेशन आफ इंडिया के बैनर तले झारखंड सहित कई राज्यों के शिक्षक दिल्ली के रामलीला मैदान में धरना देंगे। इसी, तरह अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले 24 नवंबर को जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।

    इन दोनों धरना कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए राज्य से कई प्राथमिक शिक्षकों ने तैयारी की है। ट्रेन में सामूहिक रूप में टिकट बुक कराया है। सर्वोच्च न्यायालय ने सभी प्राथमिक शिक्षकों के लिए टेट उत्तीर्ण होना अनिवार्य किया है।

    वैसे शिक्षक जो टेट उत्तीर्ण नहीं हैं, उन्हें उत्तीर्ण होने के लिए दो वर्ष का समय दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि उक्त समय सीमा में टेट उत्तीर्ण नहीं होनेवाले वैसे प्राथमिक शिक्षकों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेनी होगी, जिनके रिटायरमेंट की अवधि पांच वर्ष से अधिक बची है।

    ऐसा नहीं होने पर सरकार को ही उन्हें सेवामुक्त कर देना होगा। साथ ही टेट उत्तीर्ण होने के बाद ही शिक्षकों को प्रोन्नति मिल सकेगी। बताया जाता है कि सर्वोच्च न्यायालय के उक्त आदेश से झारखंड के लगभग 30 हजार प्राथमिक शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं।