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    हाय रे झारखंड के गरीब! चार चक्का वाहन, 25 लाख से अधिक सलाना टर्नओवर; फिर भी उठा रहे मुफ्त सरकारी राशन

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 04:49 PM (IST)

    साहिबगंज जिले में अपात्र लोगों द्वारा राशन कार्ड का लाभ उठाने के मामले सामने आए हैं। जांच में पाया गया कि आयकर दाता और 25 लाख से अधिक टर्नओवर वाले लोग भी मुफ्त राशन ले रहे हैं। विभाग ने ऐसे लोगों के नाम काटे हैं और वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिला प्रशासन ने अयोग्य लोगों की सूची वेबसाइट पर जारी कर दी है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    डॉ. प्रणेश, साहिबगंज। जिला मुख्यालय के बंगाली टोला में रहने वाले अमित कुमार डालमिया का पक्का मकान है। उनके पास हल्दीराम सहित कई कंपनियों की एजेंसी है। उन्होंने बजाप्ता जीएसटी नंबर ले रखा है और उनका सालाना कारोबार 25 लाख रुपये से अधिक है।

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    इसके बाद भी उनके नाम पर राशन कार्ड बना हुआ है। इस राशन कार्ड में उनके पिता मुरलीधर डालमिया, माता सुलोचना देवी व अमित डालमिया का नाम है। हालांकि, विगत कुछ माह से वह मुफ्त राशन का उठाव नहीं कर रहे हैं।

    इसी तरह राजमहल प्रखंड के मुर्गी टोला के अब्दुल माजिद के पुत्र अब्दुल अनिन का कई तरह का कारोबार है। उन्होंने भी जीएसटी नंबर ले रखा है और उनका सालाना कारोबार 25 लाख रुपये से अधिक है लेकिन राशन कार्ड बनवा रखा है।

    राजमहल के ही पंचकठिया के राजेश चौरसिया तो खुद मजदूरी करते हैं लेकिन बेटी चंदा कुमारी की शादी कुछ साल पूर्व पीरपैंती के एक खाते-पीते परिवार में की। पति साहिबगंज में रहते हैं और कपड़े का बड़ा कारोबार है लेकिन चंदा देवी के नाम पर आज भी उनके स्वजन राशन का उठाव कर रहे हैं।

    यह चंद उदाहरण मात्र हैं। जिले में 25 लाख से अधिक के टर्नओवर वाले 18 लोगों तथा चारपहिया वाहन रखने वाले 124 लोगों का नाम खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बनने वाले राशन कार्ड की सूची में शामिल है।

    जिले के 1413 लोग एक तरफ आयकर दे रहे हैं तो दूसरी ओर गरीबों को मिलने वाला मुफ्त अनाज उठा रहे हैं। चूंकि सब सभी प्रकार के कार्यों में आधार नंबर अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में आधार के विश्लेषण के क्रम में ये सभी नाम सामने आए हैं। जांच पड़ताल के बाद विभाग ने इन नामों काे काटकर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है।

    वसूली का प्रावधान 

    राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गलत तरीके से राशन लेने पर उनसे वसूली का प्रावधान है। राशि की गणना अब तक उठाए गए अनाज का बाजार मूल्य व सालाना 12 प्रतिशत ब्याज के साथ की जाती है। जिले के कई लोगों से इस प्रकार की वसूली की जा चुकी है।

    ऐसे में प्रशासन का कहना है कि अगर कोई भी व्यक्ति खुद आगे आकर राशन कार्ड सरेंडर कर देता है तो उसे रियायत दी जा सकती है लेकिन अगर वह सामने नहीं आता है तो उससे राशि की भी वसूली की जाएगी।

    आधार के विश्लेषण के क्रम में करीब 10 हजार वैसे लोगों का नाम चिह्नित किया गया जिनकी मौत हो चुकी है। इनमें से करीब छह हजार नाम काटे जा चुके हैं। 3815 लोगों का नाम काटने की प्रक्रिया चल रही है।

    1437 ऐसे नाम आए हैं जिनके राशन कार्ड में एक ही व्यक्ति का नाम है तथा उनकी उम्र 18 साल से कम है। 13293 ने छह माह या उससे अधिक समय से राशन का उठाव नहीं किया है। 4074 लोगों का नाम दो जगह के राशन कार्ड में है।

    51424 लोगों के पास राशन कार्ड के लिए निर्धारित सीमा से अधिक जमीन है। जिला आपूर्ति विभाग एक-एक व्यक्ति की जांच कर लाभुकों का नाम काट रहा है। अयोग्य लोगों की सूची जिला प्रशासन की आधिकारिक वेबसाइट पर भी डाल दी गई है।

    बड़ी संख्या में वैसे लोगों ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन कार्ड बनवा रखा है जो इसके पात्र नहीं हैं। इनमें आयकर देने वाले, जीएसटी नंबर लेकर कारोबार करने वाले, चारपहिया वाहन रखने वाले जैसे लोग भी शामिल हैं। अयोग्य लोगों की सूची जिला प्रशासन की आधिकारिक वेबसाइट पर डाल दी गई है। अगर किसी को सूची पर आपत्ति है तो वह अपनी आपत्ति विभाग में दर्ज करा दें वरना उनका राशन कार्ड रद कर दिया जाएगा। - जेके मिश्रा, डीएसओ, साहिबगंज