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    Jharkhand News: कमीशन के लिए सदर अस्पताल के डॉक्टर लिखते हैं बाहर की दवा, ANM भी देती है पूरा साथ

    Updated: Thu, 28 Aug 2025 02:04 PM (IST)

    साहिबगंज सदर अस्पताल में कमीशन के लिए बाहर की दवा लिखने का मामला सामने आया है। मरीजों को विशेष दुकानों से दवा खरीदने के लिए दबाव डाला जा रहा है। सिविल सर्जन ने इसे रोकने के लिए दवा वितरण केंद्र में स्कैनर लगाया है। शिकायत सही पाए जाने पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी और पर्ची स्कैन करने की व्यवस्था की गई है।

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    कमीशन के लिए सदर अस्पताल के चिकित्सक लिख रहे बाहरी दवा

    डॉ. प्रणेश, साहिबगंज। कमीशन के लिए सदर अस्पताल के चिकित्सक बाहरी दवा लिख रहे हैं। इसके अलावा खास दुकान से दवा खरीदने के लिए भी मरीजों के स्वजनों पर दबाव डाला जा रहा है।

    दूसरी दुकान से दवा खरीदने पर उसमें कमी निकाल दी जाती है। सबसे ज्यादा शोषण प्रसव के लिए पहुंची महिलाओं के स्वजनों का किया जाता है। यहां तो एएनएम भी अपनी मर्जी से दवा लिख देती है। कई बार तो बिना वजह दवा मंगवा ली जाती है और बाद में स्वास्थ्य कर्मी उसे दुकानदार को वापस कर पैसा ले लेते हैं।

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    वैसे इस बात की भनक सिविल सर्जन डा. रामदेव पासवान को भी लग गई है। ऐसे में इसे रोकने के लिए सदर अस्पताल के दवा वितरण केंद्र में स्कैनर लगा दिया गया है। जहां सभी पर्चियों को स्कैन कर सुरक्षित रखा जा रहा है। ऐसे में सदर अस्पताल के दवा वितरण केंद्र में दवा की उपलब्धता के बाद भी बाहर की दवा लिखने वाले चिकित्सक पर कार्रवाई की जाएगी।

    ऐसे होता खेल

    सदर प्रखंड के शोभनपुर भट्टा के रहने वाले मजदूर सुरेश यादव ने बताया कि वह 16 अगस्त को अपनी पत्नी का इलाज कराने सदर अस्पताल में गया था। ओपीडी में कार्यरत डॉक्टर की सलाह पर 1600 रुपये की दवा खरीद ली।

    22 अगस्त को पत्नी के पेट में दर्द होने पर पुन: दिखाने गया तो महिला डॉक्टर ने दवा लिखी और निर्देश भी दिया कि पहली दुकान को छोड़ दूसरी दुकान से दवा लेना है। दूसरे दिन सुरेश यादव ने नौ सौ रुपये की दवा खरीदी। यानी दो बार में केवल दवा पर 2500 रुपये खर्च हो गया।

    सुरेश यादव का कहना था कि इतने में तो किसी निजी क्लिनिक में दिखा लेता। पुरानी साहिबगंज के महेश पंडित ने बताया कि उसे पहली दवा दुकान से दवा खरीदने को कहा गया था लेकिन उसने दूसरी से खरीद ली। दोबारा जब दिखाने गया तो डॉक्टर ने कहा कि दवा ठीक नहीं है। इस वजह से असर नहीं हुआ।

    दवाओं की सूची की जाती सार्वजनिक

    पूर्व में भी सदर अस्पताल के दवा वितरण केंद्र में दवा की उपलब्धता होने के बाद भी बाहर की दवा चिकित्सकों द्वारा लिखने की बात सामने आयी थी। इसके बाद उपायुक्त हेमंत सती के निर्देश पर सदर अस्पताल के स्टोर में उपलब्ध दवाओं की सूची प्रत्येक दिन सार्वजनिक की जाती है।

    दूसरी ओर दोपहर में दवा वितरण केंद्र बंद रहने से मरीजों को परेशानी होने की बात सामने आयी थी। इसके बाद डीसी ने 24 घंटे दवा वितरण केंद्र खोलने का निर्देश दिया था।

    उधर, प्रत्येक दिन जिन चिकित्सकों की ड्यूटी सदर अस्पताल में है उनकी सूची भी जारी की जाती है। ब्लड बैंक में उपलब्ध रक्त के बारे में भी एलईडी पर डिस्प्ले किया जा रहा है।

    मामला संज्ञान में आया है। पर्ची की जांच कराई जाएगी। स्वजन की शिकायत सही पायी जाती है तो निश्चित रूप से इसमें शामिल लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। इसे रोकने के लिए दवा काउंटर पर दवा पर्ची को स्कैन करने की व्यवस्था की गई है ताकि मालूम चल सके कि पर्ची में डॉक्टर कही बाहरी दवा तो नहीं लिख रहे हैं।- डॉ. रामदेव पासवान, सीएस, साहिबगंज