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    सारंडा में नक्सलियों की खैर नहीं, डीजीपी तदाशा मिश्रा ने सुरक्षा बलों की तैनाती और समन्वय पर की गई विस्तृत चर्चा

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 05:30 AM (IST)

    प्रभारी डीजीपी तदाशा मिश्रा ने चाईबासा पहुंचकर माओवाद विरोधी अभियान की उच्चस्तरीय समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और अभियान को और तेज करने पर जोर दिया। उन्होंने माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और खुफिया जानकारी को मजबूत करने के निर्देश दिए ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके।

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    माओवादियों के खिलाफ आपरेशन में समन्वय महत्चपूर्ण: डीजीपी। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, चाईबासा। झारखंड की प्रभारी डीजीपी तदाशा मिश्रा बुधवार को चाईबासा दौरे पर पहुंचीं। टाटा कालेज मैदान स्थित हेलीपैड पर कोल्हान रेंज के डीआईजी अनुरंजन किस्पोट्टा, उपायुक्त चंदन कुमार, एसपी अमित रेणु सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।

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    औपचारिक स्वागत के बाद डीजीपी को गार्ड ऑफ नर दिया गया। हेलीपैड से डीजीपी मिश्रा सीधे जिला समाहरणालय स्थित पुलिस कार्यालय सभागार पहुंचीं, जहां उन्होंने सारंडा में माओवादियों के खिलाफ जारी अभियान की उच्चस्तरीय समीक्षा की।

    बैठक में जिले में माओवादियों के विरुद्ध चल रहे सर्च आपरेशन, जंगल क्षेत्रों में अभियान के दौरान आने वाली चुनौतियों, सुरक्षा बलों की तैनाती, समन्वय और संसाधनों के उपयोग सहित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर गहन चर्चा हुई।

    जमीनी स्तर पर चुनौतियां सबसे बड़ी : डीजीपी

    डीजीपी मिश्रा ने कहा कि नक्सल विरोधी अभियानों की वास्तविक कठिनाई इसके जमीनी कार्यान्वयन में सामने आती है। ऐसे अभियानों में पुलिस, वन विभाग और सिविल प्रशासन के बीच मजबूत समन्वय को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।

    उन्होंने कहा कि इन सभी मुद्दों पर विस्तार से मंथन किया गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में स्थिति और बेहतर होगी तथा अभियान अधिक प्रभावी ढंग से आगे बढ़ेगा।

    माओवाद उन्मूलन में ठोस प्रगति के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती, प्रबंधन और समन्वय को मजबूत करने के दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाने की बात कही।

    टीमवर्क है सबसे बड़ी ताकत : डीजीपी मिश्रा

    अपने नए दायित्व को लेकर पूछे गए प्रश्न पर डीजीपी तदाशा मिश्रा ने कहा कि वह टीमवर्क में गहरा विश्वास रखती हैं। उन्होंने सीआरपीएफ, कोबरा और राज्य पुलिस के अनुभवी अधिकारियों व जवानों को अपनी बड़ी ताकत बताया। उनका मुख्य लक्ष्य सभी अभियानों और आपरेशनों को सुचारु, सुरक्षित और प्रभावी ढंग से संचालित करना है।