चाईबासा डीसी की टिप्पणी पर भड़के पूर्व सीएम मधु कोड़ा, जमकर हुई बहसबाजी
चाईबासा में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने नो-एंट्री और लाठीचार्ज के विरोध में उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। डीसी की टिप्पणी पर मधु कोड़ा ने नाराजगी जताई और इसे जनप्रतिनिधियों का अपमान बताया। उन्होंने 24 घंटे में कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। प्रतिनिधिमंडल ने ग्रामीणों की रिहाई और न्यायिक जांच की मांग की।

नो इंट्री की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपने के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और डीसी चंदन कुमार के बीच हुई नोंकझोंक। (जागरण)
संवाद सहयोगी, चाईबासा। चाईबासा में बुधवार को प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। शहर और आसपास में लागू की गई नो-एंट्री व्यवस्था तथा 27 अक्टूबर की रात हुए पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा सामाजिक संगठनों, मानकी-मुंडा संघ तथा आदिवासी हो समाज महासभा के प्रतिनिधियों के साथ उपायुक्त चंदन कुमार को ज्ञापन सौंपने पहुंचे थे।
डीसी कक्ष में ज्ञापन सौंपते समय माहौल तब गरमा गया, जब उपायुक्त ने टिप्पणी की कि नेता लोग कैमरा देखकर ज्यादा बोलने लगते हैं।
इस पर मधु कोड़ा भड़क गए। उन्होंने कहा कि यह जनप्रतिनिधियों व मीडिया दोनों का अपमान है। जनता की समस्या उठाना उनकी जिम्मेदारी है और अधिकारियों को सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में प्रशासन जनता की आवाज को दबाने का प्रयास करेगा, तो उसकी कड़ी प्रतिक्रिया होगी। प्रतिनिधिमंडल ने नो-एंट्री व्यवस्था की समीक्षा, गिरफ्तार ग्रामीणों की बिना शर्त रिहाई, नामजद मामलों की वापसी तथा घटना की न्यायिक जांच की मांग दोहराई।
जनप्रतिनिधियों ने कहा कि भारी वाहनों के कारण लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं, पर पीड़ितों की जगह दोषियों पर कार्रवाई की बजाय विरोध कर रहे ग्रामीणों पर लाठियां बरसाई गईं।
मधु कोड़ा ने चेतावनी दी कि 24 घंटे के भीतर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आंदोलन राज्यव्यापी होगा। सामाजिक संगठनों ने भी प्रशासन के रवैये पर असंतोष जताया।
ज्ञापन लेने के बाद उपायुक्त नगर निकाय चुनाव की तैयारियों की समीक्षा को निकल गए।

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