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    कोल्हान में फिर गूंजे गजराजों की चिंघाड़, गोइलकेरा में फसलों संकट, वन विभाग बेखबर!

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 10:08 PM (IST)

    गोइलकेरा में हाथियों के झुंड के घुसने से ग्रामीणों में दहशत है। हाथियों ने खेतों में खड़ी धान की फसलों को रौंद दिया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान की आशंका है। वन विभाग की उदासीनता से ग्रामीणों में नाराजगी है। झुंड गोइलकेरा-मनोहरपुर मार्ग पर घूम रहा है, जिससे लोगों में डर का माहौल है।

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    गोइलकेरा में झुंड से बिछड़ा एक गजराज कर रहा विचरण।

    संवाद सूत्र, गोइलकेरा । कोल्हान की शांत वादियों में एक बार फिर गजराजों की चिंघाड़ गूंज उठी है। गोइलकेरा प्रखंड के कई गांवों में हाथियों का झुंड प्रवेश कर चुका है, जिससे ग्रामीणों में अफरा-तफरी मची हुई है। खेतों में पक रही धान की फसलें इन विशालकाय मेहमानों के निशाने पर हैं। दिन में सड़क और गांवों के आसपास घूमते गजराज अब रात में भी डेरा डालने लगे हैं, जिससे लोगों की नींद उड़ गई है। जानकारी के अनुसार, यह झुंड आनंदपुर की ओर से गोइलकेरा के इलाके में प्रवेश किया है और लगातार इधर-उधर घूम रहा है। वन विभाग ने फिलहाल स्थिति पर नजर बनाए रखने की बात कही है।

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    हाथियों का झुंड गोइलकेरा–मनोहरपुर मार्ग पर जमाया डेरा :
    गोइलकेरा प्रखंड के कई गांवों में इन दिनों गजराजों के आतंक से ग्रामीणों में भय का माहौल है। जंगल से भटककर आया लगभग 10 से 12 हाथियों का झुंड गोइलकेरा–मनोहरपुर मार्ग स्थित एनएच-320डी पर खुलेआम विचरण करता देखा गया। यह झुंड दलकी, पोकाम, गुलरुवां, भोक्ताउली, कुमडी और बेहड़ा समेत कई गांवों के आसपास घूम रहा है।
     
    खेतों में लगी धान की फसलों को रौंद दिया :
    ग्रामीणों के अनुसार हाथियों ने कई खेतों में लगी धान की फसलों को रौंद दिया है। फसलें पकने के समय इनके आने से किसानों को भारी नुकसान की आशंका है। ग्रामीण दिनभर हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने में जुटे रहे। इसके लिए उन्होंने पटाखे और मशालों का भी सहारा लिया, लेकिन झुंड देर शाम तक गुलरूवां गांव के पास के जंगल में ही डेरा डाले रहा।
     
    गांवों में रात के समय हाथियों के घुसने की आशंका:
    स्थानीय लोगों ने वन विभाग पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि दिनभर सड़क और गांवों के आसपास गजराजों की मौजूदगी के बावजूद विभाग की ओर से कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। इससे लोगों में नाराजगी है। ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों के झुंड के गांवों में रात के समय घुसने की आशंका बनी हुई है, जिससे सभी घरों में दहशत का माहौल है।

    जानें कोल्हान में हाथियों का उत्पात

    वर्ष    स्थान                             घटना विवरण
    2018    चाईबासा, सोनुवा           हाथियों के झुंड ने कई घरों को नुकसान पहुंचाया, एक व्यक्ति की मौत।
    2019    सरायकेला                   खेतों में तबाही, दर्जनों एकड़ फसल नष्ट।
    2020    मंझगांव                       गजराजों ने दो ग्रामीणों को कुचला, प्रशासन ने दी मुआवजा राशि।
    2022    चक्रधरपुर                    गांव में प्रवेश कर हाथियों ने तीन मकानों को गिराया, ग्रामीणों ने रातभर पहरा दिया।
    2023    खूंटी-गोइलकेरा सीमा     झुंड ने खेतों और धान की बालियों को रौंदा, एक ट्रक पर हमला किया।
    2025 (वर्तमान)    गोइलकेरा       10–12 हाथियों का झुंड गांवों में सक्रिय, फसलों को नुकसान और ग्रामीणों में दहशत।