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    Jharkhand News: सदर अस्पताल की तीसरी मंजिल से कूदकर मरीज ने की आत्महत्या, घटना CCTV कैमरे में कैद

    By Sudhir PandayEdited By: Krishna Bahadur Singh Parihar
    Updated: Sun, 26 Oct 2025 09:56 AM (IST)

    पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा सदर अस्पताल में एक मरीज ने तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आत्महत्या के कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रही है। घटना के बाद अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस अस्पताल प्रशासन से भी पूछताछ कर रही है।

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    युवक ने अस्पताल से कूदकर की आत्महत्या

    जागरण संवाददाता, चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय स्थित चाईबासा सदर अस्पताल में शनिवार मध्यरात्रि के बाद करीब डेढ़ बजे एक मरीज ने तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान प्रधान होनहागा (40) के रूप में हुई है, जो टोंटो प्रखंड के पूरनापानी गांव का रहने वाला था। घटना ने अस्पताल प्रशासन और मरीजों के बीच हड़कंप मचा दिया।

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    जानकारी के अनुसार, प्रधान होनहागा को शरीर में कमजोरी की शिकायत पर 23 अक्टूबर को सदर अस्पताल के पुरुष वार्ड में भर्ती कराया गया था। शनिवार की रात करीब डेढ़ बजे वह वार्ड से चुपचाप बाहर निकला और तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। गिरने के बाद मौके पर ही उसकी मौत हो गई। अस्पताल कर्मियों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी।

    घटना की जानकारी मिलते ही सदर थाना के सब-इंस्पेक्टर मेघनाथ मंडल पुलिस बल के साथ अस्पताल पहुंचे और जांच शुरू की। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मृतक के परिजनों को सूचना दे दी गई है और वे अस्पताल पहुंच चुके हैं।

    पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है। हालांकि, घटना के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है। परिजनों के बयान और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में मरीज को देर रात वार्ड से निकलते और नीचे जाते हुए देखा गया है।

    स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से उसका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं था और वह काफी उदास रहता था।
    इस घटना के बाद अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों और उनके परिजनों में भी दहशत का माहौल है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है और अस्पताल प्रशासन से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है कि रात के समय निगरानी व्यवस्था क्यों कमजोर रही।