पप्पागड़ा में हाथी का बच्चा पेड़ में फंसा, गांव में घूमकर मां हाथी मचा रही दहशत, ग्रामीणों की सूझबुुझ से बची जान
पश्चिमी सिंहभूम के पप्पागड़ा गांव में एक हाथी का बच्चा पेड़ में फंस गया। रात भर उसकी माँ उसे बचाने की कोशिश करती रही। सुबह ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाते ...और पढ़ें

पप्पागड़ा गांव में पेड़ में बुरी तरह फंसा शिशुु हाथी।
जागरण संवाददाता, चाईबासा। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के मंझारी प्रखंड के पंगा पंचायत स्थित पप्पागड़ा गांव में शुक्रवार रात एक ऐसा दृश्य सामने आया जिसमें दहशत और करुणा दोनों की झलक दिखी। गांव के आसपास कई दिनों से घूम रहा हाथियों का झुंड अचानक तब तनाव का कारण बन गया, जब उसी झुंड का एक छोटा हाथी पास के पेड़ में बुरी तरह फंस गया।
रात भर जंगल और गांव के बीच उसकी चिंघाड़ गूंजती रही, और मां हाथी भी जोर-जोर से आवाजें निकालकर बच्चा छुड़ाने की कोशिश करती रही। बड़ी संख्या में ग्रामीण पूरी रात अपने घरों में बंद रहे और बाहर निकलने का साहस नहीं जुटा पाए।
पेड़ में फंसा हाथी का बच्चा, ग्रामीणों ने दिखाई हिम्मत
शनिवार सुबह ग्रामीण जब घरों से निकले तो उन्होंने देखा कि रातभर चिंघाड़ने वाला हाथी का बच्चा गहरे तरीके से पेड़ के तने में अटका पड़ा है। उसकी मां आसपास ही मंडरा रही थी और बेहद बेचैन दिख रही थी।
काफी हिम्मत जुटाने के बाद ग्रामीणों ने सावधानी बरतते हुए पेड़ में फंसे बच्चे को बाहर निकालने की कोशिश शुरू की। कई मिनट की मशक्कत के बाद वे उसे सुरक्षित निकाल पाने में सफल रहे।
वन विभाग की टीम पहुंची, हाथी का बच्चा बेहद गंभीर
चाईबासा वन प्रमंडल पदाधिकारी आदित्य नारायण ने बताया कि सूचना मिलते ही चिकित्सकीय टीम को तत्काल मौके पर भेजा गया। बच्चे की हालत कमजोर थी।
पल्स बहुत धीमी, शरीर कांपता हुआ और पूरी तरह थका हुआ था। उसे पानी चढ़ाया गया, इंजेक्शन दिए गए और प्राथमिक उपचार किया गया।
शिशु हाथी की स्थिति में मामूली सुधार
कुछ देर बाद उसकी स्थिति में मामूली सुधार देखा गया। फिलहाल हाथी का यह बच्चा वन विभाग की निगरानी में है और उसे दो-तीन दिन तक देखरेख में रखा जाएगा।
अधिकारियों का कहना है कि हालत सामान्य होने पर उसे वापस उसके झुंड के पास छोड़ दिया जाएगा, ताकि वह अपनी मां और समूह से दोबारा मिल सके।
हाथियों ने किसानों की फसल को रौंद डाला
जहां एक ओर ग्रामीणों ने हाथी के बच्चे को बचाकर मानवता की मिसाल पेश की, वहीं हाथियों के उसी झुंड ने गागीमुंडी गांव में किसानों की फसल पूरी तरह चौपट कर दी। मंझारी झामुमो प्रखंड अध्यक्ष लाला राउत ने बताया कि गागीमुंडी निवासी राम कुंकल और बुधराम कुंकल के धान के खेतों को हाथियों ने रात में ही चट कर दिया।
बच्चे को निकालकर इलाज के लिए ले जाने के बाद भी मां हाथी पूरे दिन गागीमुंडी और पप्पागड़ा गांव के बीच घूमती रही। कई बार वह घरों के बाहर खड़ी होकर जोर-जोर से चिंघाड़ती रही, जिससे ग्रामीणों में डर व्याप्त हो गया।
घर छोड़कर पास के गांवों में शरण ले रहे ग्रामीण
स्थिति इतनी भयावह रही कि कई परिवार रात में अपने घर छोड़कर पास के गांवों में शरण लेने चले गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि लगातार खतरे के बावजूद वन विभाग ने अभी तक पटाखे, टार्च और हाथियों को दूर रखने के लिए आवश्यक सामग्रियां उपलब्ध नहीं कराई हैं।
वन विभाग ने आश्वासन दिया कि बच्चे की हालत सुधरते ही उसे झुंड में लौटाया जाएगा। साथ ही आसपास के गांवों में हाथियों की गतिविधि पर लगातार नजर रखी जा रही है। गांव वाले खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

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