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    Dussehra 2025: ये हैं भारत के 5 अनोखे रावण मंदिर; कहीं दामाद, तो कहीं पूर्वज मान पूजा करते हैं लोग

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 08:29 AM (IST)

    हर साल दशहरा का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। भारत में कई जगहें ऐसी हैं जहां रावण को दुराचारी माना जाता है लेकिन कुछ जगह ऐसी भी है जहां उसकी पूजा भी की जाती है। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में जहां रावण की पूजा की जाती है और उसका मंदिर भी मौजूद है।

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    भारत में रावण के अनोखे मंदिर, जहां होती है पूजा (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में आज यानी 2 अक्टूबर को दशहरा का त्योहार मनाया जा रह है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस पर्व से हमें सीख मिलती है कि बुराई कितनी भी बलवान क्यों न हो, अच्छाई से हमेशा हार भई जाती है। श्रीराम के हाथों हुए रावण के वध के मौके पर हर साल दशहरा मनाया जाता है।

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    इस त्योहार को मनाने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में रावण दहन किया जाता है। आमतौर पर रावण को दुराचारी और पापी माना जाता है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि देश में कुछ जगह ऐसी भी हैं, जहां राक्षस राज रावण (Ravana Demon King) रावण की पूजा (Dussehra Ravana Worship) की जाती है। आज इस आर्टिकल में हम इन्हीं जगहों के बारे में जानेंगे। आइए आपको बताते हैं कुछ ऐसी जगहों के बारे में, जहां आज भी मौजूद है रावण का मंदिर और होती है रावण की पूजा-

    मंदसौर, मध्य प्रदेश

    मध्य प्रदेश का मंदसौर उन जगहों में पहले नंबर पर है, जहां रावण का मंदिर मौजूद है। यहां खानपुरा इलाके में एक बड़ी से प्रतिमा मौजूद है, जिसे लोग रावण मानकर पूजते हैं। दरअसल, ऐसा माना जाता है कि मंदसौर रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका है और इसी नाते रावण को दामाद मान यहां के लोग पूजा करते हैं।

    कानपुर, उत्तर प्रदेश

    उत्तर प्रदेश में भी रावण का मंदिर मौजूद है। यहां कानपुर में एक अनोखा मंदिर मौजूद है, जो दशानन रावण मंदिर कहलाता है। इस मंदिर की खासियत यह है कि साल भर में सिर्फ एक बार इस मंदिर को खोला जाता है। हर साल दशहरे के मौके पर इस मंदिर को खोला जाता है और राक्षस राज रावण के अस्तित्व का जश्न मनाया जाता है।

    मांड्या, कर्नाटक

    कर्नाटक के मांड्या में भी रावण की पूजा की जाती है। यहां मौजूद मंदिर को कैलाशपूरा महालिंगेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है। जैसाकि नाम से पता चलता है कि यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, लेकिन इसकी खासियत यह है कि यहां भगवान शिव के साथ-साथ लंकापति रावण की भी पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि यहां एक रहस्यमयी शिवलिंग है, जिसे खुद रावण ने देवताओं से हासिल की थी।

    विदिशा, मध्य प्रदेश

    मध्य प्रदेश के विदिशा में भी रावण को पूजा जाता है। यहां मौजूद रावणग्राम नाम के एक छोटे-से गांव में रावण को भगवान मानकर पूजा जाता है। रावण के सम्मान में यहां एक अनोखा मंदिर भी मनाया गया है, जहां राक्षस राज की 10 फुट लंबी लेटी हुई प्रतिमा भी स्थापित है।

    कोलार, कर्नाटक

    कर्नाटक की कोलार जिले में भी रावण का एक मंदिर मौजूद है। रामलिंगेश्वर के इस मंदिर में रावण को रामप्पा या रामलिंग के रूप में पूजा जाता है। इस पवित्र मंदिर में चार पवित्र शिवलिंग हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि शक्तिशाली रावण ने इन शिवलिंगों को कैलाश पर्वत से लाकर यहां स्थापित किया था।

    बिसरख, उत्तरप्रदेश

    उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के पास बिसरख नाम का एक छोटा सा गांव है, यहां भी रावण को पूजा जाता है। दरअसल, इस गांव का नाम रावण के पिता ऋषि विश्रवा के नाम पर रखा गया है। इस गांव के लोग रावण को अपना पूर्वज मानते हैं और इसलिए यहां रावण का एक मंदिर बनवाया गया है, जो सिर्फ दशहरे के दिन ही खोला जाता है।

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