Ganesh Chaturthi 2025: गणेश उत्सव पर इस तरीके से घर पर ही बनाएं मिट्टी के गणपति बप्पा
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2025) भक्तों के मन को हर्षोल्लास से भर देता है। दस दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव के मौके पर भक्तजन अपने घरों में बप्पा की मूर्ति की स्थापना करते हैं। हालांकि बाजार में मिलने वाली ज्यादातर मूर्तियां प्लास्टर ऑफ पेरिस की होती हैं जो पर्यावरण के लिए अच्छी नहीं होती। ऐसे में आप चाहें तो घर पर मिट्टी से बप्पा की मूर्ति बना सकते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2025) का त्योहार हर्ष, उल्लास और भक्ति से भरा होता है। इस अवसर पर बप्पा की मूर्ति को घर लाना और स्थापित करना सबसे महत्वपूर्ण रीति है। हालांकि, प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों के पर्यावरणीय दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ने के साथ, आज कई लोग पारंपरिक और पर्यावरण के अनुकूल मिट्टी की मूर्तियों को तरजीह दे रहे हैं।
जाहिर सी बात है कि मिट्टी की मूर्तियां (Ganpati Clay Idol) पर्यावरण के लिए तो अच्छी होती हैं, लेकिन ये काफी महंगी भी होती हैं। ऐसे में अगर आप चाहें, तो अपने हाथों से घर पर ही गणपति की मूर्ति बना सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे बनाएं घर पर मिट्टी के गणेश जी।
गणेश जी की मूर्ति बनाने के लिए सामग्री
- चिकनी मिट्टी- शुद्ध, साफ और बारीक चिकनी मिट्टी मुख्य सामग्री है। इसे आप किसी मूर्तिकार से या क्राफ्ट स्टोर से ले सकते हैं।
- पानी- मिट्टी को गूंथने और नम बनाए रखने के लिए।
- मूर्ति बनाने के उपकरण- छोटा चाकू, पिन, टूथपिक।
- तुलसी के डंठल या पतली तीलियां- डिटेलिंग के लिए।
- प्राकृतिक रंग- मूर्ति को सजाने के लिए प्राकृतिक रंग जैसे हल्दी (पीला), चंदन पाउडर (गुलाबी/लाल), खड़िया मिट्टी (सफेद) आदि।
- कपड़ा- मिट्टी सुखाने के लिए एक साफ और नरम कपड़ा।
गणेश जी की मूर्ति बनाने का तरीका
स्टेप 1- मिट्टी तैयार करना
सबसे पहले मिट्टी को अच्छी तरह हाथों से मसलें ताकि उसमें मौजूद कोई कंकड़ या अशुद्धि निकल जाए। फिर धीरे-धीरे पानी मिलाकर मिट्टी को इस तरह गूंथें कि वह न तो ज्यादा कड़ी रहे और न ही ज्यादा नरम। मिट्टी का गूंथा हुआ गोला मुलायम और चिकना होना चाहिए।
स्टेप 2- मुख्य आकार देना
- शरीर- मिट्टी के एक बड़े हिस्से से गोलाकार पेट और छाती का आकार बनाएं।
- सिर- एक अलग, छोटा गोला लेकर उसे शरीर से जोड़ दें। गणेश जी का सिर थोड़ा सा तिकोना और उभरा हुआ होता है, इसलिए उसे अंगूठे से हल्का सा दबाकर आकार दें।
- सूंड- सिर के मध्य भाग से थोड़ी सी मिट्टी को आगे की ओर खींचकर एक पतली और कोमल सूंड बनाएं। सूंड को बाईं या दाईं ओर मोड़ सकते हैं।
- कान- दो छोटे-छोटे पतले पैच बनाकर सिर के दोनों ओर चिपका दें।
स्टेप 3- हाथ और पैर बनाना
मिट्टी की लंबी और पतली चार रोल बनाएं। दो रोल्स शरीर के ऊपरी हिस्से में (हाथों के लिए) और दो निचले हिस्से में (पैरों के लिए) अच्छी तरह चिपका दें।
एक हाथ में मोदक (मिट्टी का छोटा गोला) रख सकते हैं और दूसरे हाथ को आशीर्वाद की मुद्रा में बना सकते हैं।
स्टेप 4- बारीक डीटेलिंग
- यह सबसे जरूरी और बारीकी वाला काम है। टुथपिक या पिन की मदद से आंखें, भौहें और मुस्कान बनाएं।
- मुकुट पर फ्लोरल पैटर्न उकेरें।
- गले में हार और हाथों में कंगन बनाएं।
- पैरों की उंगलियां बनाना न भूलें।
- एक पतली पट्टी बनाकर उसे छाती पर चिपकाएं, यह जनेऊ का प्रतीक होगा।
स्टेप 5- सुखाने की प्रक्रिया
मूर्ति को बनाने के बाद उसे सीधी धूप में न रखें। इसे एक ठंडी, छायादार और हवादार जगह पर रखें। मूर्ति के चारों ओर हवा आने दें ताकि वह धीरे-धीरे और समान रूप से सूखे।
स्टेप 6- सजावट
एक बार मूर्ति पूरी तरह सूख जाए तो आप उसे प्राकृतिक रंगों से सजा सकते हैं। हल्दी के घोल से पीला रंग, चंदन से लालिमा और खड़िया मिट्टी से सफेदी दी जा सकती है। इससे मूर्ति और भी आकर्षक लगेगी।
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