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    Independence Day 2025: कैसे तिरंगा बना भारत का राष्ट्रीय ध्वज और सबसे पहले इसे किसने फहराया?

    इस साल भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2025) मना रहा है। इस दिन लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं और देश के वीरों को सलाम करते हैं। भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा न सिर्फ आजादी का प्रतीक है बल्कि यह स्वतंत्रता के लिए लड़ी गई लड़ाई की भी गाथा कहता है। आइए जानें कैसे तिरंगा बना भारत का राष्ट्र ध्वज।

    By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Thu, 14 Aug 2025 04:29 PM (IST)
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    किसने किया था तिरंगे का डिजाइन? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत का तिरंगा (Tiranga) झंडा देश की आजादी, एकता और गौरव का प्रतीक है। तिरंगे का इतिहास देश के स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीय एकता की गाथा कहता है।

    लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिरंगे का डिजाइन कैसे तैयार किया गया (History of Tiranga) और सबसे पहले इसे किसने फहराया था? आइए जानते हैं कैसे तिरंगा बना भारत का राष्ट्रीय ध्वज और सबसे पहले इसे किसने फहराया था।

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    तिरंगे के डिजाइन का इतिहास

    भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का विकास कई चरणों में हुआ। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अलग-अलग संगठनों ने अपने-अपने झंडे बनाए, लेकिन आधिकारिक तिरंगे का निर्माण एक लंबी प्रक्रिया के बाद हुआ।

    पहला राष्ट्रीय ध्वज (1906)

    सबसे पहला भारतीय राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त 1906 को कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता) के पारसी बागान चौक में फहराया गया। इसमें हरी, पीली और लाल रंग की पट्टियां थीं, जिन पर 'वंदे मातरम' लिखा हुआ था। इस झंडे को "कलकत्ता फ्लैग" या "लोटस फ्लैग" भी कहा जाता था।

    दूसरा राष्ट्रीय ध्वज (1907)

    भारत का दूसरा राष्ट्रीय ध्वज मैडम भीखाजी रुसतम कामा ने जर्मनी में आयोजित इंटरनेशनल सोशियलिस्ट कांग्रेस में फहराया था, जिसे हेम चंद्र दास ने डिजाइन किया था।

    दूसरा ध्वज (1917)

    1917 में होम रूल आंदोलन के दौरान डॉ. एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक ने एक नए झंडे को अपनाया। इसमें पांच लाल और चार हरी क्षैतिज पट्टियां थीं, साथ ही एक चंद्रमा और तारा भी बना हुआ था।

    तिरंगे का पहला संस्करण (1921)

    1921 में विजयवाड़ा में एक युवक पिंगली वेंकैया ने महात्मा गांधी के सामने एक झंडे का डिजाइन पेश किया, जिसमें लाल, हरा और सफेद रंग था। गांधी जी ने सुझाव दिया कि इसमें चरखा भी होना चाहिए, जो स्वदेशी आंदोलन का प्रतीक था। इस प्रकार, पहला तिरंगा झंडा अस्तित्व में आया।

    आधिकारिक तिरंगा (1931)

    1931 में कांग्रेस के कराची अधिवेशन में एक नए झंडे को अपनाया गया, जिसमें केसरिया, सफेद और हरी पट्टियां थीं और बीच में चरखा बना हुआ था। यह डिजाइन पिंगली वेंकैया ने तैयार किया था और यही आगे चलकर भारत के राष्ट्रीय ध्वज का आधार बना।

    अंतिम स्वरूप (1947)

    15 अगस्त 1947 को भारत की आजादी के बाद, झंडे में एक अहम बदलाव किया गया। चरखे की जगह अशोक चक्र (धर्म चक्र) को रखा गया, जो न्याय और प्रगति का प्रतीक है। इस प्रकार, भारत का वर्तमान तिरंगा अस्तित्व में आया।

    सबसे पहले तिरंगा किसने फहराया?

    भारत का वर्तमान तिरंगा झंडा पहली बार आधिकारिक रूप से 15 अगस्त 1947 को दिल्ली के लाल किले पर भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने फहराया था। यह वह ऐतिहासिक पल था जब भारत ने ब्रिटिश शासन से आजादी हासिल की और अपना स्वतंत्र ध्वज फहराया।

    हालांकि, इससे पहले 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने तिरंगे को भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया था। इस दिन को अब "झंडा दिवस" के रूप में मनाया जाता है।

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    Source: 

    Flag Foundation of India: https://flagfoundationofindia.in/history-of-our-national-flag.html