थाली को कहिए बाय, अब 'बाउल फूड' का है जमाना; स्वाद, सेहत और सहूलियत का है परफेक्ट मिक्स
दुनिया भर में एक नया फूड ट्रेंड खूब धूम मचा रहा है, बाउल फूड। दाल-चावल या राजमा- चावल के शौकीन भारतीयों की फूड हैबिट में बाउल फूड इतनी प्रमुखता से जगह ...और पढ़ें

बाउल फूड ने कैसे बदली खाने की तस्वीर (AI Generated Image)
आरती तिवारी, नई दिल्ली। इन दिनों फूड डिलीवरी एप से लेकर रेस्त्रां के मेन्यू तक एक नए ट्रेंड ने जगह बनानी शुरू कर दी है। भाग-दौड़ वाली जिंदगी और काम में व्यस्त युवाओं के लिए, एक भरी-पूरी थाली खाना ‘टाइमटेकिंग’ है। ऐसे में वे चाहते हैं कि उन्हें स्वाद भी कुछ नया मिल जाए और पोषण भी पहुंच जाए। इंटरनेट मीडिया की बदौलत बाउल फूड जो एक ‘क्षणिक ट्रेंड’ लग रहा था, अब रेस्त्रां का स्थायी और लोकप्रिय मेनू आइटम बन गया है।
लोकप्रियता का ये है राज
बाउल फूड असल में आज के उपभोक्ताओं की जरूरतों से सीधे जुड़ा हुआ है, जो संतुलन, सहजता और माइंडफुल ईटिंग को महत्व देते हैं। यह खाने में आसान, दिखने में आकर्षक और पोषण की दृष्टि से संतुलित है। सुपरफूड से भरे स्मूदी बाउल से लेकर अनाज और प्रोटीन से भरपूर बाउल तक, यह विचार शहरी जीवन की रफ्तार में फिट बैठता है, साथ ही वर्क फ्राम होम या हाइब्रिड जाब कर रहे लोगों को यह बाउल फूड घर के खाने जैसा कोजी कंफर्ट भी देता है। पहले लोग छोले या राजमा-चावल और दाल-चावल को कंफर्ट फूड मानते थे, वही सहजता आज उन्हें इन बाउल फूड में मिल रही है। भले ही यह ट्रेंड विदेश में नया हो, मगर भारत में यह आधुनिक होते हुए भी परिचित सा है।
देसी तड़के के साथ ग्लोबल जायका
हम भले ही विदेशी भोजन को अपना लेते हैं, मगर उसमें अपना देसी टच देना नहीं भूलते। हम वैश्विक बाउल को लोकल टच देते हुए इसमें प्रयोग करते हैं। लाल चावल और मसालेदार पनीर वाला बरीटो बाउल और लेमनग्रास व भुनी हुई सब्जियों वाला रैमन बाउल इसके उदाहरण हैं। हम स्थानीय-मौसमी हरी सब्जियों और भारतीय फ्लेवर जैसे कि जीरा, राई, अचार आदि पर जोर देते हैं साथ ही हमारा यह भी विचार रहता है कि हम एक ऐसा बाउल बनाएं, जो खाने वाले की भूख जगा दे।
सब करिश्मा प्रेजेंटेशन का
भारत में ‘राजमा-चावल’ या ‘दाल मखनी-चावल’ जैसे व्यंजन सदियों से बाउल-स्टाइल में खाए जाते रहे हैं, लेकिन बाउल फूड को पेश करने के तरीके, पोर्शन कंट्रोल, विजुअल अपील और पोषण संबंधी विविधता को प्राथमिकता पर रखा जाता है। इसमें हम प्रोटीन, अनाज और ताजी सब्जियों की ऐसी लेयर बनाते हैं कि देखने वाले को लगता है कि यह उनकी सेहत के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। हमारे पारंपरिक कंफर्ट फूड को अब नए तरीकों से परोसा जा रहा है, जो उन्हें अधिक जीवंत, खाने योग्य और आज की जीवनशैली के अनुरूप बनाता है।
अब आगे क्या
आगे हम वेलनेस बाउल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसमें श्रीअन्न के साथ ही स्वदेशी अनाज, ताजी जड़ी-बूटियां, प्रोबायोटिक तत्व और हल्के मसाले और चटनियां शामिल करेंगे।
ट्राई करें ये विकल्प
- नूडल बाउल: जिन्हें पहली बार बाउल फूड ट्राई करना है, उनके लिए यह आसान विकल्प है। सोबा नूडल्स, राइस या हक्का नूडल्स की वैराइटी से भरपूर इस बाउल में टोफू, मशरूम, पत्तागोभी, गाजर, शिमला मिर्च आदि के साथ अदरक-लहसुन और चिली सास या टाम खा सूप भी स्वाद को दोगुणा करने के लिए उपलब्ध रहता है।
- कोरियन बाउल: चावल, सब्जी, किमची और तीखी चटनी के साथ तैयार बिबिंबाप हो या कोरियन बारबेक्यू बाउल, जापचे नूडल बाउल, कोरियाई चिकन/टोफू बाउल आदि कोरियन विकल्प भी युवाओं के पसंदीदा हैं।
- बुद्धा बाउल: इसमें क्विनोआ, ब्राउन राइस, कूसकूस या श्रीअन्न का बेस रहता है और भुने हुए छोले, टोफू, पनीर या दालें और भुनी या कच्ची सब्जियां (जैसे शकरकंद, गाजर, ब्रोकली, पालक) रहती हैं, जिसे हम्मस, ताहिनी ड्रेसिंग या नींबू-धनिया की चटनी के साथ परोसा जाता है।
- बरिटो बाउल: मैक्सिकन फ्लेवर वाले इस बाउल को चावल या बिना चावल (सलाद बेस के साथ) के बनाया जाता है, जिसमें ग्रिल्ड चिकन या राजमा या पनीर, कार्न, सालसा, एवोकाडो या गुआकामोले रहता है। इस पर सावर क्रीम या दही, नींबू के रस की ड्रेसिंग की जाती है।
- सुशी बाउल: जापानी/एशियाई स्वाद पसंद करने वाले लोगों की यह पहली पसंद है। इसमें सुशी या सफेद चावल के बेस में मैरिनेटेड सैल्मन या टूना या टोफू रहते हैं, जिसके साथ गाजर, मूली, ककड़ी, एडमामे और प्याज सहित सोया सास, तिल का तेल, श्रीराचा मेयो मौजूद रहते हैं।
- इंडियन वेज बाउल: आप भारतीय करी और दालों का उपयोग करके भी बाउल फूड आर्डर कर सकते हैं। यह मलाई पालक कोफ्ता, अवधी पनीर या दाल मखनी और चावल के विकल्पों के साथ उपलब्ध है।

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