इन 4 लोगों को हो सकती है सिंघाड़े खाने से परेशानी, जानें किन्हें करना चाहिए इससे परहेज
सिंघाड़ा एक ऐसा फल है, जिसमें कई विटामिन, मिनरल्स, एंटी-ऑक्सीडेंट्स और फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए लोग इन्हें कई तरीकों से अपनी डाइट में शामिल करते हैं। लेकिन कुछ लोगों (Who Should Not Eat Singhara) को सिंघाड़े से परहेज करना चाहिए। आइए जानें किन लोगों के लिए सिंघाड़े खाना परेशानी की वजह बन सकता है।

हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं सिंघाड़े (Picture Courtesy: Instagram)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सिंघाड़े कई विटामिन, मिनरल्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं। साथ ही, इसका स्वाद भी काफी अच्छा होता है, जिसके कारण लोग इसे खाना खूब पसंद करते हैं। हालांकि, हर किसी के लिए सिंघाड़े फायदेमंद (Who Should Avoid Water Chestnuts) नहीं होते।
जी हां, कुछ लोगों को सिंघाड़े खाने से परेशानी हो सकती है। इसलिए इन लोगों को इसे खाने से बचना चाहिए। आइए जानें किन लोगों के लिए सिंघाड़े खाना नुकसानदेह साबित हो सकता है।
सिंघाड़े से एलर्जी वाले लोग
हालांकि ऐसा कम होता है, लेकिन कुछ लोगों को सिंघाड़े से एलर्जी हो सकती है। एलर्जी के लक्षणों में त्वचा पर चकत्ते, खुजली, सूजन, पेट दर्द, उल्टी, दस्त या सांस लेने में तकलीफ शामिल हो सकते हैं।
इसलिए अगर सिंघाड़ा खाने के बाद आपको ऐसे कोई भी लक्षण महसूस हों, तो तुरंत इसे खाना बंद कर दें और डॉक्टर से सलाह लें। अगर आपको किसी अन्य फल या मेवे से एलर्जी है, तो पहली बार सिंघाड़ा थोड़ी मात्रा में ही खाएं।
(Picture Courtesy: Instagram)
डायबिटीज के मरीज
सिंघाड़ा एक कार्बोहाइड्रेट का बेहतरीन सोर्स है और इसमें प्राकृतिक शुगर भी होती है। हालांकि, इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स मीडियम माना जाता है, लेकिन ज्यादा मात्रा में इसे खाना ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ा सकता है।
इसलिए डायबिटीज के मरीजों को सिंघाड़े को अपनी डाइट में शामिल करते समय मात्रा पर खास ध्यान देना चाहिए। सिंघाड़े के आटे की भी यही स्थिति है। बेहतर होगा कि खाने के बाद अपने ब्लड शुगर लेवल की निगरानी करें और किसी डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसे डाइट में शामिल करें।
आईबीएस या पाचन संबंधी समस्याएं
सिंघाड़ा फाइबर से भरपूर होता है, जो आमतौर पर पाचन के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन जिन लोगों को इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम या पाचन तंत्र की अन्य समस्याएं जैसे कि ब्लोटिंग, गैस या ऐंठन होती है, उनके लिए यह समस्या बढ़ा सकता है।
ऐसा इसलिए क्योंंकि सिंघाड़े में मौजूद कुछ कार्बोहाइड्रेट और हाई फाइबर गैस, सूजन और पेट में दर्द का कारण बन सकते हैं।
इसलिए अगर आपका डाइजेशन सेंसिटिव है, तो सिंघाड़े की थोड़ी मात्रा से शुरुआत करें। अगर इससे आपकी तकलीफ बढ़ती है, तो इसे न खाएं।
ब्लड थिनर दवा ले रहे लोग
यह एक बेहद जरूरी बिंदु है। सिंघाड़ा विटामिन-के का एक अच्छा सोर्स है। शरीर में खून के थक्के बनाने की प्रक्रिया के लिए विटामिन-के आवश्यक होता है। ब्लड थिनर दवाएं विटामिन-के की इस क्रिया को रोकने करके काम करती हैं ताकि खून पतला रहे और थक्का न जमे। अचानक से ज्यादा मात्रा में विटामिन-के से भरपूर चीजें खाने से ये दवाएं अपना प्रभाव खो सकती हैं, जिससे क्लॉट बनने का खतरा बढ़ सकता है।
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