आपके बच्चे में भी नजर आ रहे हैं 7 लक्षण, तो हो जाएं सावधान; हो सकता है कैंसर का संकेत
कैंसर एक गंभीर बीमारी है और बच्चों में इसके मामलों में वृद्धि हो रही है। डॉ. नागेंद्र शर्मा ने बच्चों में कैंसर के कारणों और लक्षणों के बारे में बताया है। बच्चों में ल्यूकेमिया, ब्रेन ट्यूमर और हड्डियों के कैंसर आम हैं। लगातार बुखार, थकान और वजन कम होना जैसे लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाहिए। शुरुआती पहचान और जागरूकता से इलाज में मदद मिल सकती है।
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बच्चों में कैंसर के शुरुआती संकेत: लक्षण और बचाव
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो दुनियाभर में कई लोगों को अपना शिकार बना रही है। यह बीमारी कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती है और इसलिए लोगों को इसके बारे में जागरूक करने के मकसद से हर साल 7 नवंबर को नेशनल कैंसर अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है।
कैंसर के कई प्रकार होते हैं, जो किसी को भी अपना शिकार बना सकते हैं। यह बीमारी अब बच्चों को भी अपना शिकार बनाने लगी है। बचपन और किशोरावस्था में होने वाले कैंसर, वयस्कों में होने वाले कैंसर की तुलना में बहुत कम आम हैं, लेकिन इनके बारे में भी जागरूकता की जरूरी है। ऐसे में मैक्स अस्पताल, गुरुग्राम में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. नागेंद्र शर्मा से हमने जाना कि इसके लक्षण कैसे होते हैं और क्यों इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
बच्चों में कैंसर का कारण
डॉक्टर ने बताया कि भारत में कुल कैंसर के मामलों में बच्चों में होने वाले कैंसर का प्रतिशत बहुत कम है, फिर भी कम उम्र, कुछ ट्यूमर की वजह से इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। बच्चों में होने वाले कैंसर आमतौर पर लाइफस्टाइल से जुड़े नहीं होते हैं। ये जीवन के शुरुआती दौर में होने वाले जेनेटिक बदलावों के कारण होते हैं, जिनका अक्सर कोई स्पष्ट कारण नहीं होता है।
बच्चों में आम कैंसर के नाम
बच्चों में होने वाले सबसे आम कैंसर में ल्यूकेमिया, ब्रेन और रीढ़ की हड्डी के ट्यूमर, लिम्फोमा, न्यूरोब्लास्टोमा, विल्म्स ट्यूमर और हड्डियों के कैंसर जैसे ऑस्टियोसारकोमा और इविंग सारकोमा शामिल हैं।
बच्चों में कैंसर के शुरुआती लक्षण
बच्चों में कैंसर का जल्दी पता लगाना सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। इसलिए बच्चों में नजर आने वाले कुछ लक्षणों को अनदेखा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। भले ही लक्षण बचपन की सामान्य बीमारियों के कारण हो सकते हैं, लेकिन फिर भी इन पर नजर रखना जरूरी है। ये लक्षण निम्न हैं-
- लगातार बुखार
- थकान
- बिना किसी कारण के वजन कम होना
- बार-बार संक्रमण
- हड्डियों में दर्द
- अचानक विजन परिवर्तन
- शरीर के किसी भी हिस्से में गांठ/सूजन
बच्चों में कैंसर का इलाज
पिछले एक दशक में, कीमोथेरेपी, टारगेटेड थैरेपी, सटीक दवाइयां, बोन मैरो ट्रांसप्लानटेशन और बेहतर सर्जिकल टेक्नीक के कारण बच्चों में कैंसर के इलाज में
उल्लेखनीय सुधार हुआ है। माता-पिता, स्कूल और समुदाय में इसे लेकर जागरूकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शुरुआती वॉर्निंग संकेतों को पहचानना, समय पर डॉक्टर की सलाह लेना और कैंसर से जुड़े मिथकों को दूर करने से इसके इलाज में काफी मदद मिलती है।

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