महिलाओं में नजर आने वाले 8 बदलाव करते हैं PCOS का इशारा, गंभीर रूप ले सकती है इनकी अनदेखी
पीसीओएस महिलाओं में होने वाली एक सामान्य समस्या है जिससे अनियमित पीरियड्स मुंहासे और बांझपन जैसी समस्याएं होती हैं। सितंबर महीने को पीसीओएस अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है ताकि इसके प्रति जागरूकता फैलाई जा सके। समय रहते इसके लक्षणों की पहचान करना जरूरी है ताकि गंभीर स्थिति से बचा जा सके।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। लगातार बदलती लाइफस्टाइल और गलत खानपान अक्सर लोगों को कई सारी स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार बना रही है। खासकर महिलाएं अक्सर कई तरह की समस्याओं की चपेट में आ जाती हैं। PCOS इन्हीं समस्याओं में से एक है, जो महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है। इसलिए हर साल इसके प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से सितंबर महीने को PCOS अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है।
क्या होता है पीसीओएस?
क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) महिलाओं में होने वाली एक सामान्य कंडीशन है, जो आपके हार्मोन को प्रभावित करती है। इसके कारण अनियमित पीडियड्स, बहुत ज्यादा बाल उगना, मुंहासे और बांझपन की समस्या होती है।
पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी कुछ गंभीर बीमारियों का खतरा ज्यादा हो सकता है। ऐसे जरूरी है कि समय इसके लक्षणों की पहचान की जाए, ताकि किसी गंभीर स्थिति के आने से पहले ही इसे कंट्रोल किया जा सके।
पीसीओएस के लक्षण
- अनियमित पीरियड्स: पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस है, जिससे महिलाओं को हर महीने गुजरना पड़ता है। ऐसे में पीरियड्स का न आना, बहुत कम या बहुत ज्यादा पीरियड्स आना पीसीओएस के सबसे आम लक्षणों में से एक है।
- मुंहासे और ऑयली स्किन: लगातार होने वाले मुहांसे, खासकर जबड़े और चेहरे के निचले हिस्से पर, एक्स्ट्रा एण्ड्रोजन से जुड़े हो सकते हैं, जो पीसीओएस के कारण होता है।
- स्किन के काले धब्बे: गर्दन, बगलों या कमर के आसपास की त्वचा का काला पड़ना (एकेंथोसिस निग्रिकन्स) इंसुलिन रेजिस्टेंस का संकेत हो सकता है।
- हेयर ग्रोथ का बढ़ना: चेहरे, छाती या पीठ पर अनचाहे बाल (हिर्सुटिज्म) हार्मोनल असंतुलन के कारण हो सकते हैं। अगर आपको भी अचानक ही असामान्य हेयर ग्रोथ नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
- बालों का पतला होना: सिर के बालों का पतला होना या बालों का झड़ना भी पीसीओएस से संबंधित हार्मोनल बदलावों का संकेत हो सकता है।
- कंसीव करने में कठिनाई: अनियमित ओव्यूलेशन के कारण पीसीओएस बांझपन यानी इनफर्टिलिटी का एक प्रमुख कारण बनता है। ऐसे में अगर आप कंसीव करने की कोशिश कर रही हैं, तो डॉक्टर की सलाह लें।
- मूड स्विंग और थकान: पीसीओएस के कारण होने वाले हार्मोनल असंतुलन से मूड में बदलाव, एंग्जायटी, डिप्रेशन और लगातार थकान हो सकती है।
- वजन बढ़ना या वजन कम करने में कठिनाई: पीसीओएस से पीड़ित कई महिलाओं को वजन की समस्या होती है, खासकर पेट के आसपास। साथ ही इन लोगों के लिए वजन कम करना भी काफी मुश्किल होता है।
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Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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