ये 8 संकेत बताते हैं कि खतरे में है आपका लिवर, नजरअंदाज करने की भूल पड़ जाएगी भारी
फैटी लिवर का वक्त पर इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि कुछ लक्षणों (Fatty Liver Symptoms) की मदद से इसका आसानी से पता लगा सकते हैं। फैटी लिवर होने पर शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देते हैं, जिन पर अगर वक्त पर ध्यान दिया जाए, तो बीमारी को बढ़ने से पहले रोका जा सकता है।
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फैटी लिवर की कैसे करें पहचान? (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। खराब खान-पान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल का सबसे गहरा असर हमारे लिवर पर दिखता है। इन्हीं कारणों से फैटी लिवर (Fatty Liver) के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। लिवर में फैट जमा होना कोई आम समस्या नहीं है। अगर यह परेशानी लंबे समय तक बनी रहे, जो लिवर सिरोसिस या लिवर फेल्योर भी हो सकता है।
इसलिए जरूरी है कि फैटी लिवर को नजरअंदाज न करें और वक्त पर इसके लक्षणों (Symptoms of Fatty Liver) की पहचान करें। फैटी लिवर के लक्षणों के बारे में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने एक वीडियो शेयर करके बताया। आइए जानें इन लक्षणों के बारे में।
अचानक वजन बढ़ने लगना
अगर बिना किसी कारण के आपका वजन तेजी से बढ़ने लगे, खासकर पेट के आसपास, तो यह फैटी लिवर का संकेत हो सकता है। लिवर में फैट जमा होने से इसके फंक्शन में रुकावट आती है, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और शरीर में फैट जमा होने लगता है। यह वजन बढ़ना आमतौर पर डाइट या एक्सरसाइज से कंट्रोल नहीं होता।
लगातार थकान और कमजोरी
लगातार थकान महसूस होना और शरीर में एनर्जी की कमी रहना फैटी लिवर का एक अहम लक्षण है। जब लिवर ठीक से काम नहीं कर पाता, तो शरीर से टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं और शरीर को एनर्जी नहीं मिल पाती। इससे व्यक्ति हमेशा थका-थका और सुस्त महसूस करता है, चाहे कितनी भी नींद ले ले।
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ऊपरी एब्डोमेन में सूजन और दर्द
लिवर पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में स्थित होता है। जब इसमें सूजन आती है या फैट जमा हो जाता है, तो यह आकार में बढ़ सकता है। इस कारण इस क्षेत्र में हल्का दबाव, भारीपन, सूजन या दर्द महसूस हो सकता है।
हाई ब्लड शुगर लेवल
फैटी लिवर और इंसुलिन रेजिस्टेंस के बीच गहरा कनेक्शन है। लिवर में चर्बी जमा होने से इसकी इंसुलिन सेंसिटिविटी कम हो जाती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित हो सकता है। यह टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को भी बढ़ा सकता है।
यूरिन का रंग गहरा और मल का रंग हल्का होना
लिवर के खराब होने पर बाइल जूस का फ्लो रुक जाता है। इससे बिलीरुबिन शरीर में जमा होने लगता है, जिसके कारण यूरिन का रंग गहरा पीला या भूरा हो जाता है और मल का रंग हल्का पीला या मिट्टी जैसा दिखने लगता है।
आंखों और त्वचा का पीला पड़ना
जब लिवर ठीक से काम नहीं करता, तो बिलीरुबिन खून में जमा होने लगता है। इसके कारण त्वचा, आंखों का सफेद भाग और नाखून पीले पड़ने लगते हैं। इसे पीलिया कहते हैं और यह लिवर की गंभीर समस्या का संकेत है।
हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल
अगर ब्लड टेस्ट में आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल लगातार हाई आ रहा है, तो इसका कारण फैटी लिवर भी हो सकता है। लिवर शरीर में कोलेस्ट्रॉल बनाने और रेगुलेशन के लिए जिम्मेदार होता है। जब यह ठीक से काम नहीं करता, तो खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है।
आसानी से ब्लीडिंग होना या ब्रूसेज पड़ना
लिवर खून के थक्के जमने में मदद करने वाले प्रोटीन बनाता है। फैटी लिवर की स्थिति में लिवर की यह क्षमता प्रभावित होती है, जिसके कारण शरीर पर छोटी-मोटी चोट से भी आसानी से खरोंच या ब्रूज पड़ जाते हैं और नाक या मसूड़ों से खून आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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