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    केरल में ब्रेन ईटिंग अमीबा ने ली 18 लोगों की जान, बुखार के साथ दिखें ये लक्षण; तो तुरंत हो जाएं सावधान

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 08:14 AM (IST)

    केरल में ब्रेन ईटिंग अमीबा (Brain Eating Amoeba) ने फिर से कहर मचाया हुआ है। इस साल इसके कुल 69 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से 18 लोगों की मौत हो गई। यह काफी चिंता का कारण है क्योंकि ब्रेन ईटिंग अमीबा के शुरुआती लक्षण मामूली बुखार और सिरदर्द से शुरू होते हैं। आइए जानें इससे बचने के तरीके।

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    केरल में ब्रेन ईटिंग अमीबा के 69 मामले आए सामने (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। केरल में एक बार फिर ब्रेन ईटिंग अमीबा (Brain Eating Amoeba in Kerala) के मामले सामने आ रहे हैं। इस साल केरल में इसके लगभग 69 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 18 लोगों की मौत हो गई है। ब्रेन ईटिंग अमीबा सुनने में जितना डरावना लगता है, असल में भी उतना ही खतरनाक है।

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    यह एक खतरनाक इन्फेक्शन है, जो ज्यादातर मामलों में जानलेवा साबित होता है। आइए जानते हैं कि ब्रेन ईटिंग अमीबा का इन्फेक्शन कैसे होता है, इसके लक्षण (Brain Eating Amoeba Symptoms) कैसे होते हैं और इससे बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

    ब्रेन-ईटिंग अमीबा क्या है?

    ब्रेन-ईटिंग अमीबा का वैज्ञानिक नाम नैग्लेरिया फाउलरि (Naegleria fowleri) है। यह आमतौर पर गर्म, मीठे पानी जैसे झीलों, नदियों, गर्म पानी के झरनों, और कभी-कभी स्विमिंग पूल के पानी में भी पाया जाता है। यह अमीबा गर्मी में तेजी से पनपता है।

    यह इन्फेक्शन प्राइमरी एमीबिक मेनिनजोएन्सेफलाइटिस (PAM) नाम के एक ब्रेन इन्फेक्शन का कारण बनता है। यह नाम "ब्रेन-ईटिंग" इसलिए पड़ा क्योंकि एक बार दिमाग में पहुंचने पर, यह अमीबा दिमाग के टिश्यूज को डैमेज करना शुरू कर देता है।

    इसके लक्षण कैसे होते हैं?

    इस इन्फेक्शन के लक्षण आमतौर पर पानी के संपर्क में आने के 1 से 9 दिनों के बाद शुरू होते हैं। शुरुआती लक्षण सामान्य वायरल बुखार या मेनिन्जाइटिस जैसे ही होते हैं, जिस कारण इसे पहचानना मुश्किल हो सकता है, लेकिन इसके लक्षण तेजी से बढ़ते हैं।

    शुरुआती लक्षण (पहले 5 दिन)-

    बाद के गंभीर लक्षण (5वें दिन के बाद)-

    चिंता की बात यह है कि यह इन्फेक्शन बहुत तेजी से बढ़ता है और आमतौर पर लक्षण शुरू होने के 1 से 18 दिनों के भीतर मृत्यु हो जाती है। इसलिए, अगर किसी को तेज बुखार और सिरदर्द है और हाल ही में गर्म मीठे पानी में स्विमिंग की है, तो तुरंत डॉक्टर को इसकी जानकारी देना बेहद जरूरी है।

    बचाव के तरीके क्या हैं?

    इस इन्फेक्शन का इलाज बेहद मुश्किल है, इसलिए बचाव ही सबसे अच्छा और एकमात्र उपाय है।

    • नाक बंद करके तैरें- गर्म, मीठे पानी वाली झीलों, तालाबों या नदियों में तैरते समय नोज क्लिप का इस्तेमाल करें। यह पानी को नाक में जाने से रोकेगा।
    • सिर पानी के ऊपर रखें- तैरते या नहाते समय पानी के अंदर गोता लगाने या डुबकी लगाने से बचें। खासकर उन जगहों पर जहां पानी गर्म और स्थिर हो।
    • उबले हुए पानी का इस्तेमाल- घर में नाक धोने के लिए केवल उबला हुआ, फिल्टर्ड या स्टेरलाइज्ड पानी ही इस्तेमाल करें। नल का पानी सीधे नाक में न डालें।
    • स्विमिंग पूल की सफाई- ध्यान रखें कि घर के स्विमिंग पूल का पानी ठीक से क्लोरीनेटेड और फिल्टर्ड हो।
    • जागरूक रहें- उन वॉटर सोर्सेस में तैरने से बचें जो गर्म मौसम में गर्म, उथले और स्थिर हैं, और जहां पानी की गुणवत्ता के बारे में कोई जानकारी न हो।

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