Delhi-NCR की हवा में घुला जहर! डॉक्टर ने बताया कौन-सा मास्क है बेहतर और क्या है पहनने का सही तरीका
दिल्ली-एनसीआर (Delhi Pollution) में गंभीर रूप से खराब होती हवा (AQI 300-400+) सेहत के लिए खतरा बन गई है, जिससे फेफड़े, दिल और दिमाग सहित पूरा शरीर प्रभावित हो रहा है। हेल्थ एक्सपर्ट इससे बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे हैं। हालांकि, प्रदूषण से बचने के लिए सही मास्क जरूरी है। आइए जानते हैं दिल्ली-एनसीआर में सांस लेने के लिए कौन-से मास्क का इस्तेमाल करें।
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दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण में कौन सा मास्क आपके लिए सही है? (Picture Credit- AI Generated)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर (Delhi Pollution) में इस समय हवा का स्तर तेजी से गिरता जा रहा है। यहां कई इलाकों में AQI 300-400 के पार पहुंच चुका है, जो सेहत के लिए गंभीर साबित हो रही है। खराब होती हवा के साथ-साथ सेहत से जुड़ी परेशानियां भी तेजी से बढ़ने लगी है। जहरीली हवा सिर्फ फेफड़ों को भी नहीं, दिल-दिमाग और पूरे शरीर को खराब कर रही है।
बिगड़ते हालात को देखते हुए हेल्थ एक्सपर्ट्स लोगों को कुछ हफ्ते के लिए दिल्ली छोड़ने की सलाह दे रहे हैं। साथ ही हवा में मौजूद हानिकारक कणों को शरीर के अंदर जाने से रोकने के लिए मास्क लगाने की भी सलाह दे रहे हैं। जहरीली हवा से बचने के लिए कई लोग मास्क का इस्तेमाल भी कर रहे हैं, लेकिन ऐसे माहौल में कौन-सा मास्क इस्तेमाल के लिए सही है, इस बारे में जानना भी बेहद जरूरी है।
इसलिए इसके बारे में जानने के लिए हमने मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स, फरीदाबाद में पल्मोनोलॉजी के क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. पंकज छाबड़ा ने बात की और जाना प्रदूषण से बचने के लिए कौन-सा मास्क है ज्यादा बेहतर-
कपड़े या सर्जिकल मास्क
कई लोग प्रदूषण से बचने के लिए कपड़े के मास्क, सर्जिकल मास्क या फैशन मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, डॉक्टर के मुताबिक प्रदूषण के उच्च स्तर से बचने के लिए इस तरह के मास्क पहनने से बचना चाहिए।

ऐसे मास्क सूक्ष्म कणों और जहरीली गैसों को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाते। साथ ही इनकी फिटिंग भी सही नहीं होती है। ये मास्क धूल को तो रोक सकते हैं, लेकिन PM2.5 जैसे हानिकारक प्रदूषकों को अंदर जाने देते हैं, जिससे सुरक्षा का झूठा एहसास होता है, असल में बचाव नहीं होता।
N95 और N99 मास्क
दिल्ली-एनसीआर की दमघोंटू हवा से बचने के लिए N95 और N99 मास्क सबसे ज्यादा प्रभावी साबित होंगे। ये मास्क 95-99% सूक्ष्म कण (PM2.5 और PM10) और हानिकारक प्रदूषकों को फिल्टर कर सकते हैं। ये मास्क नाक और मुंह पर अच्छे से फिट भी होते हैं, जिससे जहरीली हवा रेस्पिरेटरी सिस्टम में प्रवेश नहीं कर पाती और सेहत से जुड़ी समस्याओं का खतरा काफी कम हो जाता है।

कब बदल लेना चाहिए मास्क?
N95 या N99 मास्क आमतौर पर प्रदूषण के स्तर और संपर्क की अवधि के आधार पर 3-5 दिनों तक इस्तेमाल किए जा सकते हैं। अगर मास्क गंदा, नम हो जाए या सांस लेने में तकलीफ हो, तो उसे तुरंत बदल देना चाहिए। फिल्टर वाले रियूजेबल मास्क में निरंतर सुरक्षा के लिए नियमित रूप से फिल्टर बदलना चाहिए।

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