पीरियड्स के दिनों को आसान बनाएंगे 6 फूड्स, न्यूट्रिशनिस्ट ने गिनाए इन्हें खाने के गजब फायदे
क्या आप भी उन ज्यादातर महिलाओं में से हैं जो प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) का इलाज तब ढूंढना शुरू करती हैं, जब सिरदर्द, ऐंठन और चिड़चिड़ापन पहले ही शुर ...और पढ़ें

अब 'पीरियड्स के दिनों' में नहीं होगी चिड़चिड़ाहट, ये 6 फूड्स देंगे गजब का आराम (Image Source: AI-Generated)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अक्सर ज्यादातर महिलाएं प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) का इलाज तब शुरू करती हैं जब लक्षण या दर्द शुरू हो चुका होता है, लेकिन क्या आप जानती हैं कि असली राहत पाने की शुरुआत पीरियड्स आने से 10 से 12 दिन पहले ही हो जानी चाहिए?
इस दौरान, जिसे 'ल्यूटल फेज' कहा जाता है, आपके शरीर को कुछ खास पोषक तत्वों की जरूरत होती है। ये पोषक तत्व आपके हार्मोन्स को बैलेंस करने, मूड को ठीक रखने और मांसपेशियों को आराम देने में मदद करते हैं। विज्ञान भी इन आसान और घरेलू नुस्खों का समर्थन करता है। आइए, यहां न्यूट्रिशनिस्ट लीमा महाजन से जानते हैं कि आप अपनी डाइट में किन 3 चीजों को शामिल करके इस समस्या से राहत पा सकती हैं।

जिंक से भरपूर चीजें
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम से राहत दिलाने में 'जिंक' सबसे असरदार पोषक तत्वों में से एक माना जाता है। शोध बताते हैं कि यह मूड स्विंग्स, सिरदर्द, ब्रेस्ट टेंडरनेस, सूजन और PMS की गंभीरता को कम करने में मदद करता है।
क्या खाएं: रोजाना सिर्फ एक चम्मच कद्दू के बीज या एक कटोरी चने खाने से बहुत बड़ा फर्क पड़ सकता है।
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विटामिन B6 वाले फूड्स
विटामिन B6 आपके शरीर में 'सेरोटोनिन' को सपोर्ट करता है। सेरोटोनिन वह हार्मोन है जो आपके मूड और भूख को कंट्रोल करता है। पीरियड्स से पहले के दिनों में होने वाली फूड क्रेविंग्स, चिड़चिड़ापन, थकान और भावनात्मक संवेदनशीलता को संभालने में यह बहुत मददगार है।
क्या खाएं: एक केला और मुट्ठी भर सूरजमुखी के बीज ल्यूटल फेज के लिए एक बेहतरीन नेचुरल सपोर्ट हैं।
कैल्शियम से भरपूर फूड्स
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम को कंट्रोल करने के लिए 'कैल्शियम' पर सबसे ज्यादा भरोसेमंद सबूत मौजूद हैं। यह पेट की ऐंठन, ब्लोटिंग (पेट फूलना), चिड़चिड़ापन और लो मूड को कम करने का काम करता है।
क्या खाएं: एक कटोरी दही या फिर तिल का सेवन आपको आसानी से कैल्शियम का बूस्ट दे सकता है।

कैसे काम करती है यह डाइट?
ये तीनों पोषक तत्व मिलकर प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के तीन मुख्य कारणों पर सीधा असर डालते हैं:
- जिंक: हार्मोन को बैलेंस करता है।
- विटामिन B6: मूड को स्थिर रखता है।
- कैल्शियम: मांसपेशियों को रिलैक्स करता है और क्रैम्प्स को कंट्रोल करता है।

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