महिलाओं को आसानी से शिकार बनाता है Depression, ये लक्षण दिखें तो तुरंत हो जाएं अलर्ट
आजकल महिलाएं मुख्य रूप से डिप्रेशन का शिकार हो रही हैं। महिलाओं में डिप्रेशन का कोई एक कारण नहीं है ये तमाम कई कारणों से संभव है। सही समय पर डिप्रेशन की पहचान और इलाज जरूरी है वरना लॉन्ग टर्म में यह सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। डिप्रेशन के लक्षण की जानकारी बेहद जरूरी है क्योंकि इसे समझने पर ही इसका इलाज संभव है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। डिप्रेशन एक मूड डिसऑर्डर है, जो किसी भी वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, आमतौर पर पुरुषों की तुलना में महिलाएं डिप्रेशन से ज्यादा प्रभावित होती हैं। आज की महिला जब मल्टीटास्किंग बन सुपरपावर और इंडिपेंडेंट महिला का खिताब अपने नाम कर रही हैं, तो वहीं ये समझना जरूरी है कि वह सबसे पहले एक इंसान है। उसके लिए मल्टीटास्किंग करना उतना ही कठिन और थकाऊ भरा काम है, जितना किसी पुरुष के लिए होता है। ऐसे में आराम न करने के कारण, दूसरों की जरूरत को अपने ऊपर रखने के कारण और हर समय प्रोडक्टिव बने रहने की उम्मीद पर खरा उतरने के कारण एक महिला आज की डेट में सबसे ज्यादा डिप्रेशन का शिकार है।
साथ ही बायोलॉजिकल कारण, हार्मोनल कारण और सोशल प्रेशर भी डिप्रेशन को बढ़ावा देते हैं। फिर करियर दांव पर लगने पर या बच्चे पैदा होने पर भी कुछ महिलाएं डिप्रेशन में चली जाती हैं। ऐसे तमाम कारण हैं जो खास महिलाओं के लिए डिप्रेशन का कारण बनते हैं। ऐसे में महिलाओं को अपने अंदर डिप्रेशन के लक्षण की पहचान करना जरूरी है, क्योंकि अधिकतर महिलाओं को इस बात का ज्ञान ही नहीं होता है कि वे डिप्रेशन की शिकार हैं, तो आइए जानते हैं महिलाओं में नजर आने वाले डिप्रेशन के कुछ लक्षण-
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महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण
- चिड़चिड़ापन
- मूड स्विंग
- थकावट
- किसी काम में दिलचस्पी न लेना
- नींद पूरी न होना/इन्सोम्निया
- वजन घटना या बढ़ना
- भूख अधिक लगना या बिल्कुल न लगना
- नकारात्मक विचार और ओवरथिंकिंग
- बिना कारण रोना या रोने की इच्छा होना
- जीरो सेल्फ केयर
- अपने लुक्स का कोई भी ध्यान न देना
- अकेलापन
- मेमोरी लॉस और फोकस करने में समस्या
महिलाएं ऐसे रहें सजग और निपटें डिप्रेशन से-
- अगर आप जागरूक हैं और आपको पता है कि आपको डिप्रेशन है, तो खुद ही अपनी मदद करें। अपनी सीमाएं तय करें, जिसके बाहर आप अपने शरीर और दिमाग से काम नहीं लेंगी। दूसरों को इस सीमा के अंदर आने की परमिशन न दें। दूसरों के अनुसार चलने की जगह अपने दिल दिमाग की सुनें और जब भी दिल करे कुछ अच्छा खाएं, अच्छा पहनें और अच्छी चीजें देखें।
- योग और ध्यान का सहारा लें। ये डिप्रेशन को ठीक करने की अधिकतर थेरेपी में एक अहम भूमिका निभाता है।
- सेल्फ केयर में सफलता न मिलने पर एक्सपर्ट की सलाह लें। साइकोथेरेपी की मदद लें।
- गंभीर मामलों में एंटी डिप्रेसेंट दवाइयां खाएं और एक्सपर्ट के अनुसार किसी अच्छे साइकियाट्रिस्ट की निगरानी में रेफर हो कर रहें।
- आजकल तमाम हेल्पलाइन सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं जहां डिप्रेशन से जूझ रही महिलाएं अपनी समस्या शेयर कर सकती हैं और उसका निदान पा सकती हैं।
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