अल्जाइमर के संकेत हो सकते हैं ये सामान्य लगने वाले लक्षण, इग्नोर करने की भूल पड़ सकती है भारी
छोटी-मोटी बातें भूलना आम बात है, लेकिन अगर ऐसा अक्सर हो रहा है, तो सावधान हो जाना चाहिए। दरअसल, आम लगने वाली यह समस्या अल्जाइमर का संकेत (Alzheimer's Symptoms) हो सकती है। हालांकि, अक्सर लोग इसे अनदेखा करते हैं, जिसके कारण समस्या गंभीर होने लगती है। आइए जानें किन लक्षणों से कर सकते हैं अल्जाइमर की पहचान।

कैसे करें अल्जाइमर की पहचान? (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। छोटी-छोटी बातें भूलना या कोई अपॉइन्टमेंट भूल जाना ये सभी बातें बढ़ती उम्र की आम समस्याएं मानी जाती हैं। लेकिन कई बार ये अल्जाइमर का वॉर्निंग साइन (Alzheimer's Warning Signs) होती हैं, जिन्हें हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं। लक्षणों पर ध्यान न देने की वजह से बीमारी बढ़ने लगती है, जिसके कारण व्यक्ति के रोजमर्रा का जीवन भी प्रभावित होने लगता है।
इसलिए अल्जाइमर के लक्षणों के बारे में सही जानकारी होनी जरूरी है, ताकि वक्त पर इसकी पहचान की जा सके और सही मदद ली जा सके। आइए डॉ. मनोज खानल (डायरेक्टर, न्यूरोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशेलिटी हॉस्पिटल, करोल बाग) से जानते हैं कि अल्जाइमर के शुरुआती लक्षण (Alzheimer's Early Symptoms) कैसे होते हैं।
छोटी-छोटी बातें भूलना
सबसे पहला और सामान्य संकेत है हाल में सीखी गई जानकारी को भूल जाना। यह सिर्फ कभी-कभार चाबी रखकर भूलने जैसा नहीं है। इसमें व्यक्ति जरूरी तारीखों या घटनाओं को बार-बार भूलता है, एक ही सवाल को रिपीट करता रहता है, और चीजों को याद रखने के लिए परिवार के सदस्यों या रिमाइंडर नोट्स पर निर्भर हो जाता है। कभी-कभार किसी का नाम या अपॉइंटमेंट भूलना सामान्य है, लेकिन बार-बार और गंभीर रूप से भूलना चिंता का विषय है।

प्लान बनाने या समस्याएं सुलझाने में परेशानी
पुराने और परिचित कामों को करने में भी मुश्किल होने लगती है। जो व्यक्ति सालों से एक ही रेसिपी बना रहा हो, उसे उसमें दिक्कत आने लगे या महीने के बिल्स का हिसाब रखने में परेशानी हो। फोकस करने करने में समस्या होती है और काम पहले से ज्यादा समय लेते हैं। फाइनेंस या घर का बजट बनाने में गलतियां होने लगती हैं।
रोज के कामों को पूरा करने में कठिनाई
रोजमर्रा के आसान काम भी चैलेंजिंग हो जाते हैं। काम पर जाने का रास्ता, पसंदीदा खेल के नियम या माइक्रोवेव का इस्तेमाल करना भी भूल सकते हैं। ग्रोसरी लिस्ट बनाना या टीवी शो रिकॉर्ड करने जैसे कामों के लिए दूसरों की मदद लेने की जरूरत पड़ने लगती है।
समय या जगह में कन्फ्यूजन
उन्हें तारीखों, मौसम और समय बीतने का अहसास नहीं रहता। कभी-कभी वे यह भी भूल जाते हैं कि वे कहां हैं और वहां कैसे पहुंचे। हफ्ते के किस दिन है, यह याद न आना, लेकिन बाद में याद आ जाना सामान्य हो सकता है। लेकिन लगातार ऐसा होना खतरे की घंटी है।
बोलने या लिखने में नई समस्याएं
बातचीत के बीच में ही रुक जाना, यह याद न रहना कि आगे क्या कहना था, या खुद की बातों को दोहराते रहना। शब्दों को याद करने में परेशानी, जैसे 'घड़ी' जैसी रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीज का नाम भूल जाना।
चीजों को गलत जगह रखना
अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति चीजों को अजीबोगरीब जगहों पर रख देते हैं, जैसे रिमोट कंट्रोल फ्रिज में। फिर वे उन्हें ढूंढ़ भी नहीं पाते हैं और अक्सर दूसरों पर चोरी का आरोप लगाने लगते हैं। समय-समय पर कुछ चीजें मिस हो जाना और उन्हें ढूंढ़ लेना सामान्य है, लेकिन यह लगातार और बढ़ता जाए तो सावधान हो जाना चाहिए।
फैसले लेने की क्षमता में कमी
इसमें फैसले लेने की क्षमता प्रभावित होती है। पैसे लेनदेन में गलत फैसले, खुद की साफ-सफाई पर ध्यान न देना, या रोज के जरूरी काम भूल जाना, जैसे लक्षण शामिल हैं।
सोशल एक्टिविटीज से दूरी
वे अपनी हॉबीज, सोशल फंक्शन या पारिवारिक जिम्मेदारियों में रुचि खोने लगते हैं। पसंदीदा टीम या गेम को फॉलो करना भी बंद कर सकते हैं।
मूड और पर्सनैलिटी में बदलाव
वे अक्सर उलझन, शक्की, डरे हुए, उदास या परेशान रहने लगते हैं। अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने पर आसानी से परेशान हो जाते हैं। उनका रूटीन बहुत फिक्स हो जाता है और रूटीन में बदलाव होने पर चिड़चिड़े हो सकते हैं।

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