रात को बार-बार बाथरूम जा रहा है बच्चा? हल्के में न लें, ये हो सकती हैं 5 गंभीर परेशानियां
बच्चों में बार-बार पेशाब जाने की समस्या कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि अति सक्रिय मूत्राशय, कब्ज, यूटीआई, टाइप 1 डायबिटीज या तनाव। उम्र के अनुसार पेशाब जाने का एक सामान्य पैटर्न होता है, लेकिन अगर बच्चे को दर्द हो, खून आए, या नींद में परेशानी हो, तो डॉक्टर से सलाह लें। माता-पिता को बच्चे की आदतों पर ध्यान देना चाहिए और एक नियमित शेड्यूल बनाना चाहिए।

बच्चों में बार-बार पेशाब: कारण, लक्षण और समाधान (Picture Credit- AI Generated)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बच्चों का बार-बार उठकर पेशाब जाना हर बार चिंता का विषय नहीं होता, क्योंकि यह उनके पानी पीने की मात्रा और एक्टिविटी पर भी निर्भर करता है। लेकिन इससे उनकी नींद खराब हो रही हो या उनके आत्मविश्वास या रोजमर्रा की एक्टिविटी पर असर पड़ रहा है तो डॉक्टर से बात करें। आइए जानते हैं किन वजहों से बच्चे को बार–बार बाथरूम जाने की जरूरत महसूस होती है और ऐसे में पेरेंट्स क्या करें।
उम्र के हिसाब से ऐसा हो सकता है पैटर्न
- 1 से 3 साल: हर दो से तीन घंटे में
- 3-5 साल के बच्चे: हर दिन लगभग सात से नौ बार
- 6 साल से ज् उम्र के बच्चे: दिन में लगभग छह से आठ बार
ये हो सकते हैं कारण
ब्लेडर का ज्यादा एक्टिव होना: इस स्थिति में ब्लेडर खाली होने के बावजूद भी भरे होने का संकेत मिलता है। ऐसा तब होता है जब बच्चे को सही तरीके ट्रेनिंग नहीं मिली होती है। ये हो सकते हैं लक्षण:
- तत्काल यूरीन पास करने की जरूरत महसूस होना
- कम मात्रा में यूरीन निकलना
- बाथरूम जाने के लिए रात में जगना
- पेशाब निकल जाने का डर या फिर पेशाब रोकर ना रख पाना
कब्जियत की समस्या
यदि बच्चे का पेट सही तरीके से साफ नहीं होता है तो उसका दबाव ब्लेडर पर भी पड़ सकता है। इसके लिए बच्चे की डाइट पर ध्यान देने की जरूरत है। सही डाइट चार्ट के लिए किसी पीडियाट्रिशियन से सलाह ले सकते हैं।
यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन या यूटीआई
इसमें बच्चे को तत्काल यूरीन पास करने की जरूरत महसूस हो सकती है। इसके लक्षण इस तरह आते हैं नजर:
- पेशाब करने के दौरान दर्द या जलन महसूस होना
- पेशाब का रंग धुंधला नजर आना
- बुखार
- अचानक से ही बिस्तर पर पेशाब निकल जाना
टाइप 1 डायबिटीज
बार-बार यूरीन पास करने की जरूरत महसूस होना टाइप 1 डायबिटीज के शुरूआती लक्षणों में से एक है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर यूरीन के माध्यम से अतिरिक्त शुगर को बाहर निकाल देना चाहता है। इसके अलावा भी टाइप 1 के लक्षणों में शामिल हैं:
- बार-बार गला सूखना या प्यास लगना
- अचानक ही वजन कम हो जाना
- हर वक्त थकान महसूस होना
- भूख में कमी आ जाना
स्ट्रेस भी हो सकती है वजह
कई बार बच्चों के जीवन में बड़े बदलाव होने की स्थिति में उन्हें स्ट्रेस या तनाव महसूस होने लगता है- जैसे स्कूल जाना शुरू करना, पेरेंट्स का दूसरे शहर में ट्रांसफर हो जाना या परिवार में किसी प्रकार का तनाव।
ऐसे में दिखाएं डॉक्टर को
- पेशाब करते समय दर्द महसूस होना
- दिन या रात में अपने आप ही पेशाब निकल जाना
- पेशाब में खून आना
- भूख या प्यास लगने के पैटर्न में अचानक बदलाव होना
- बार-बार बाथरूम जाने की वजह से नींद ना आना
- मूड या व्यवहार में बार-बार बदलाव होना
- समस्या 2 से 3 हफ्तों तक बनी रहे
पेरेंट्स करें ये काम
- बच्चों के बाथरूम जाने की आदतों का ट्रैक रखें
- बाथरूम जाने का एक शेड्यूल तय कर दें, हर दो से तीन घंटे पर
- कैफीन वाली या सोडा, साइट्रस जूस देने से बचें
- बच्चों को हाई फाइबर वाले फूड दें और पानी की मात्रा सही रखें
- उन्हें डांटें नहीं, बल्कि समस्या को समझने का प्रयास करें
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