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    इस उम्र के बाद महिलाओं में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा, ये लक्षण नजर आते ही हो जाएं सावधान

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 01:37 PM (IST)

    क्या आप जानते हैं कि महिलाओं में एक उम्र के बाद हार्ट अटैक (Heart Attack in Women) का खतरा बढ़ जाता है? जी हां ऐसा महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स में होने वाले बदलाव की वजह से होता है। आइए जानें कब महिलाओं में हार्ट अटैक या दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है और इसके लक्षण कैसे होते हैं।

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    हार्ट अटैक का खतरा कम करने के लिए क्या करना चाहिए? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी बीमारियों के मामले अब काफी ज्यादा देखने को मिलते हैं। यह महिलाओं और पुरुषों दोनों को ही अपना शिकार बना सकता है, लेकिन एक खास उम्र के बाद महिलाओं में इसका (Heart Attack in Women) रिस्क बढ़ जाता है।

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    इसके पीछे महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव जिम्मेदार हैं। आइए जानें किस उम्र के बाद महिलाओं में हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ जाता है, इसके लक्षण (Heart Attack Symptoms in Women) कैसे होते हैं और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए।

    कब बढ़ता है हार्ट अटैक का रिस्क?

    महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन दिल की बीमारियों के खिलाफ एक सुरक्षा कवच का काम करता है। यह हार्मोन ब्लड वेसल्स को फ्लेक्सिबल बनाए रखता है, गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। लेकिन मेनोपॉज के दौरान, यह हार्मोन कम होने लगता है, जिसके कारण महिलाओं में दिल की बीमारियां होने का रिस्क बढ़ जाता है

    महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण कैसे होते हैं?

    महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों से अलग होते हैं। इसलिए सीने में तेज दर्द के अलावा इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें-

    • सांस लेने में तकलीफ
    • जी मचलाना या उल्टी आना
    • पीठ, जबड़े, गर्दन या पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द या दबाव
    • अचानक बहुत ज्यादा थकान महसूस होना
    • चक्कर आना या ठंडा पसीना आना

    हार्ट अटैक का खतरा कम करने के लिए क्या करें?

    • हेल्दी डाइट लें- अपनी डाइट में फल, सब्जियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन (दालें, टोफू, मछली) को शामिल करें। साथ ही, नमक, चीनी, प्रोसेस्ड और तले हुए खाने की मात्रा एकदम कम कर दें।
    • नियमित एक्सरसाइज है जरूरी- हफ्ते में कम से कम 150 मिनट मॉडिरेट इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज जरूर करें। मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज भी फायदेमंद हैं
    • वजन कंट्रोल करें- कोशिश करें कि आपका वजन आपकी हाईट के मुताबिक हो और अगर वजन ज्यादा है, तो एक्सरसाइज और डाइट के जरिए इसे कम करने की कोशिश करें।
    • स्मोकिंग और शराब से परहेज- सिगरेट दिल की बीमारियों के सबसे बड़े रिस्क फैक्टर्स में से एक है। इसलिए इसे तुरंत छोड़ दें। शराब से परहेज करना भी दिल के लिए फायदेमंद है।
    • स्ट्रेस मैनेजमेंट- तनाव ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है। योग, मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग या अपनी हॉबीज की मदद से स्ट्रेस मैनेज करने की कोशिश करें।
    • नियमित हेल्थ चेक-अप- नियमित रूप से अपना ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड शुगर की जांच करवाएं। अगर आपको पहले से ही हाई बीपी, डायबिटीज या हाई कोलेस्ट्रॉल है, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाएं लें।
    • डॉक्टर से सलाह- मेनोपॉज के बाद होने वाले लक्षणों जैसे कि हॉट फ्लैशेज, मूड स्विंग्स आदि के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।

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    • Source: 


    • Mayo Clinic: https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/heart-disease/in-depth/heart-disease/art-20046167

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